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यूपी में भाजपा की सेंधमारी से विपक्षी खेमें में बना दबाव

jantaserishta.com
25 July 2023 7:26 AM GMT
यूपी में भाजपा की सेंधमारी से विपक्षी खेमें में बना दबाव
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फाइल फोटो

लखनऊ: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने गठबंधन की ताकत बढ़ाने में जुट गई है। खास तौर पर विपक्षी दलों के गठबंधन में सेंध लगाकर भाजपा अपने विरोधियों पर मनौवैज्ञानिक दबाव बनाने में जुटी हुई है। राजनीतिक जानकर बताते हैं कि लोकसभा चुनाव में हारी 14 सीटों के इतर भी भाजपा रेड जोन की सीटें झटकना चाहती है। इसीलिए विरोधी खेमे के मजबूत पिलर को अपने पाले में लाकर जातीय समीकरण को दुरुस्त करने पर काम कर रही है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान और सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को साधने के बाद विपक्षी दलों के कई चेहरों को अपने पाले में लाना पार्टी की इसी रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 80 में से 62 और उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने मीरजापुर और राबर्ट्सगंज की दो लोकसभा सीटें जीती थीं। बाकी 16 सीटें बसपा, सपा और कांग्रेस के खाते में गई थीं।
उपचुनाव में भाजपा ने आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटें सपा से छीन ली थीं। 14 सीटें अब भी पार्टी के कब्जे से बाहर हैं, जिनमें बिजनौर, नगीना, सहारनपुर, अमरोहा, संभल, मुरादाबाद, मैनपुरी, रायबरेली, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, गाजीपुर, घोसी, जौनपुर और लालगंज शामिल हैं। इनके लिए पार्टी ने यह रणनीति बनाई है। पूर्वांचल में राजभर, चौहान वोटों के माध्यम से भरपाई करेंगे। इसके अलावा अभी और कई बड़े नेता शामिल होने के कगार पर हैं, जिनका अपने क्षेत्र और जातियों में ठीक ठाक पकड़ है। उन्होंने बताया कि ऐसे ही पश्चिम इलाके में भी अपने जातियों और क्षेत्र के कुछ नेताओं को तोड़ लिया है। अभी कुछ और आने हैं। मुरादाबाद, सहारनपुर क्षेत्र में मेहनत जारी है।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रसून पांडेय कहते हैं कि भाजपा ने मिशन 2024 को लेकर यूपी के लिए काम करना शुरू किया है। उसे जातीय समीकरण को दुरुस्त रखने के लिए दारा सिंह और ओमप्रकाश के बाद, छोटी छोटी जातियों में जनाधार रखने वाले नेताओं को शामिल कराना शुरू कर दिया है। पश्चिम से पूर्व मंत्री साहब सिंह सैनी और मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद व रालोद नेता राजपाल सैनी के भाजपा में आने से दोनों मंडलों में सैनी बिरादरी पर पार्टी की पकड़ मजबूत होगी। पूर्व विधायक गुलाब सोनकर को अपने साथ जोड़कर भाजपा ने पूर्वांचल में दलित समुदाय और कुर्मी बिरादरी को बड़ा मैसेज दिया है। भाजपा ने 2024 के अपनी नई रणनीति के साथ मैदान में है। इस बार वह जातीय गोलबंदी के साथ क्षेत्र में जनाधार वाले नेताओं पर फोकस कर रही है।
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