सियासी गलियारों | एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं. और वजह है पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का बीजेपी प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होना. इससे पहले भी कई बार ऐसी ही स्थिति देखने का मिली. जब राजे प्रदेश में पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुई. वसुंधरा राजे पीएम मोदी और अमित शाह के कार्यक्रम में तो जाना पसंद करती हैं लेकिन अन्य कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति नहीं रहना कई सवाल पैदा करते हैं. पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सीएम राजे की भूमिका राजस्थान में किस प्रकार की रहेगी शायद इस पर कोई निर्णय नहीं करने के चलते ये स्थिति बनी हुई है. यही वजह है कि शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित कोर कमेटी की बैठक में महारानी नहीं पहुंची. महारानी ने अभी राजस्थान में पार्टी की गतिविधियों से अपने आपको दूर रखा हुआ है.शुक्रवार को आयोजित कोर कमेटी की बैठक में केन्द्र सरकार के 09 वर्ष पूर्ण होने पर सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण को लेकर इस माह महासंपर्क अभियान से लेकर अनेक योजनाओं को लेकर चर्चा हुई. अभियान के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के प्रवास कार्यक्रम आयोजित होंगे. इसके साथ ही पार्टी पिछले साढ़े 4 सालों में बदहाल कानून व्यवस्था, महिला एवं दलित उत्पीड़न, भ्रष्टाचार, आपदा प्रबंधन के दावों की पोल खोलना, रीट और योजना आयोग में नकदी मिलना जैसे मुद्दों पर आने वाले महीने में बीजेपी गहलोत सरकार का घेराव करेगी.बैठक में बीजेपी के कोर कमेटी सदस्य प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महामंत्री अरूण सिंह, सह प्रभारी विजया रहाटकर, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, केन्द्रीय जनशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, कृषि कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, राज्यसभा सांसद ओम माथुर, सांसद राजेंद्र गहलोत, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया मौजूद रहे. अब महारानी इस बैठक में क्यों शामिल नहीं हुई, इसको लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं.