मुंबई। उद्धव ठाकरे 'धनुष-बाण' चुनाव चिह्न छिनने के बाद पहली बार महाराष्ट्र के खेड़ में रैली की. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर बीजेपी पर नाम चुराने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस और अब बाला साहेब ठाकरे के नाम चुरा लिए. सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया, उन्होंने सरदार पटेल का नाम चुराया. इसी तरह, उन्होंने सुभाष चंद्र बोस को चुरा लिया और बाला साहेब ठाकरे के साथ भी ऐसा ही किया.
उद्धव ने कहा, 'बीजेपी भाई-भतीजावाद की बात करती है. मैं उनसे कहता हूं- हां, मैं बाला साहेब ठाकरे का बेटा हूं. मेरा परिवार छह पीढ़ियों से महाराष्ट्र की सेवा कर रहा है. मेरे पिता की फोटो चुराने के बजाए मोदी की फोटो लगाओ और चुनाव लड़ो. मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे बिना शिवसेना के नाम और बिना बाला साहेब ठाकरे की फोटो के मोदी के नाम पर वोट मांगकर दिखाएं.
उद्धव ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव आयोग मोतियाबिंद से पीड़ित हैं तो उसे आकर जमीनी स्थिति देखनी चाहिए. आपने (चुनाव आयोग ने) हमसे पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न छीन लिया है, लेकिन आप शिवसेना को मुझसे नहीं छीन सकते. अगर लोगों का जनादेश तय करता है कि मुझे घर बैठना चाहिए, तो मैं ऐसा करूंगा. जैसे मैंने वर्षा को छोड़ा और घर चला गया, लेकिन चुनाव आयोग के आदेश पर मैं ऐसा नहीं करूंगा.
उद्धव ने कहा कि मेघालय में कोनराड संगमा के साथ गठबंधन को लेकर बीजेपी पर हमला बोला. उद्धव ने गठबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि अमित शाह ने संगमा पर इतनी सारी बातें कहीं और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि संगमा का परिवार राज्य का मालिक है, गरीबों का पैसा खाता है, मेघालय देश की सबसे भ्रष्ट राज्य सरकार है. नतीजे आने वाले दिन पीएम मोदी ने संगमा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम बोले- "अमित शाह ने पुणे में कहा था कि मैंने सीएम बनने के लिए कांग्रेस और एनसीपी का जूता चाटा है. अब आप मेघालय में क्या कर रहे हैं? आपको कोई शर्म नहीं है?"