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मतदाताओं के ध्रुुवीकरण के लिए भाजपा यूसीसी को लागू करने की कर रही बात: पी. चिदंबरम

jantaserishta.com
28 Jun 2023 5:59 AM GMT
मतदाताओं के ध्रुुवीकरण के लिए भाजपा यूसीसी को लागू करने की कर रही बात: पी. चिदंबरम
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फाइल फोटो

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की वकालत करने के एक दिन बाद, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने बुधवार को पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा की कथनी और करनी के कारण आज देश बंटा हुआ है। सरकार अपनी असफलताओं को छिपानेे और मतदाताओं के लिए ध्रुवीकरण करने के लिए यूसीसी को लागू कर रही है।
प्रधान मंत्री मोदी पर हमला करते हुए पूर्व गृह मंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की वकालत करते हुए एक राष्ट्र को एक परिवार के बराबर बताया है। हालांकि अमूर्त अर्थ में उनकी तुलना सच लग सकती है, लेकिन वास्तविकता यह है बहुत अलग है।" उन्होंने कहा कि परिवार खून के रिश्तों से एक सूत्र में बंधा होता है। "एक राष्ट्र को एक संविधान द्वारा एक साथ लाया जाता है, जो एक राजनीतिक-कानूनी दस्तावेज है। यहां तक कि एक परिवार में भी विविधता होती है। भारत के संविधान ने भारत के लोगों के बीच विविधता और बहुलता को मान्यता दी है। यूसीसी एक आकांक्षा है। इसे थोपा नहीं जा सकता।"
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम ऐसा दिखावा कर रहे हैं कि यूसीसी एक साधारण प्रक्रिया है, उन्हें पिछले विधि आयोग की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए, जिसमें बताया गया था कि इस समय यह संभव नहीं है। चिदंबरम ने बताया, "भाजपा की कथनी और करनी के कारण आज देश विभाजित है। लोगों पर थोपा गया यूसीसी विभाजन को और बढ़ाएगा।" चिदंबरम ने आरोप लगाया, "यूसीसी के लिए प्रधानमंत्री की वकालत का उद्देश्य मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, घृणा अपराध, भेदभाव और राज्यों के अधिकारों को नकारने से ध्यान भटकाना है। लोगों को सतर्क रहना चाहिए। सुशासन में विफल होने के बाद, भाजपा मतदाताओं के ध्रुवीकरण व अगला चुनाव जीतने के लिए यूसीसी लागू कर रही है।"
उनकी टिप्पणी मोदी द्वारा मध्य प्रदेश में भाजपा बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के एक दिन बाद आई है, इसमें उन्होंने कहा था कि यूसीसी के नाम पर मुसलमानों को गुमराह किया जा रहा है। “इन दिनों, यूसीसी द्वारा लोगों को भड़काया जा रहा है। उन्‍होंने पूछा, आप ही बताइये, अगर किसी घर में एक व्यक्ति के लिए एक कानून हो और दूसरे व्यक्ति के लिए दूसरा कानून हो, तो क्या वह घर चल सकता है?”
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