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लाइव डिबेट में भिड़े बीजेपी-सपा प्रवक्ता, कहा- 'बंगाल में खेला हुआ, यूपी में खदेड़ा होबे'

Kunti Dhruw
11 Jun 2021 5:57 PM GMT
लाइव डिबेट में भिड़े बीजेपी-सपा प्रवक्ता, कहा- बंगाल में खेला हुआ, यूपी में खदेड़ा होबे
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आज तक पर डिबेट में एंकर चित्रा त्रिपाठी ने बीजेपी प्रवक्ता जफरुल इस्लाम से पूछा।

आज तक पर डिबेट में एंकर चित्रा त्रिपाठी ने बीजेपी प्रवक्ता जफरुल इस्लाम से पूछाकि क्या जितिन प्रसाद के आ जाने से यूपी के ब्राह्मण मान जाएंगे? जवाब देते हुए बीजेपी नेता कहने लगे कि हम लोग जाति की राजनीति नहीं करते हैं। एंकर टोकने लगीं कि मेरे पास पूरी सूची है कि बीजेपी कैसे यूपी में जातिगत समीकरण को साधने का काम कर रही है। एंकर कहने लगीं कि आप मान क्यों नहीं लेते हैं कि आप ब्राह्मण वोटों को साधने के लिए जितिन प्रसाद को पार्टी में लेकर आए हैं।

डिबेट में समाजवादी पार्टी नेता कहने लगे कि बीजेपी जाति और धर्म की ही राजनीति करती है इनका विकास से कोई लेना देना नहीं है। बीजेपी नेता टोकने लगे कि समाजवादी पार्टी खुद मुस्लिम-यादव वोट की राजनीति करती है। सपा प्रवक्ता कहने लगे कि बंगाल में तो बीजेपी के साथ खेला होबे, यूपी में खदेड़ा होबे। गौरतलब है कि ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी जितिन प्रसाद को विधान परिषद भेज सकती है।
उत्तर प्रदेश में जातिगत समीकरण को अपने पक्ष में करने के लिए बीजेपी ने जितिन प्रसाद को ब्राह्मण चेहरे के तौर पर पार्टी में शामिल किया है। जिससे कि सूबे में ब्राह्मण वोट पार्टी की तरफ रहे। उत्तर प्रदेश में 12% आबादी ब्राह्मण वोटरों की है ऐसे में पार्टी नहीं चाहती है कि वोटरों का यह तबका पार्टी से नाराज हो। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जितिन प्रसाद को भारतीय जनता पार्टी में केंद्रीय स्तर पर कोई जिम्मेदारी दी जाएगी या फिर राज्य स्तर पर काम सौंपा जाएगा। हालांकि इस बात से भी कोई इंकार नहीं कर रहा है कि उन्हें विधान परिषद भेजा जा सकता है।
राज्य इकाई ने फिलहाल इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन पार्टी भी सोच रही है कि क्या दूसरे दल से आए नेता को इस तरह से विधान परिषद भेजना कितना सही रहेगा? पार्टी नहीं चाहती है कि विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के अंदर भीतरी और बाहरी नेताओं को लेकर बहस छिड़े। मालूम हो कि जितिन प्रसाद केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि जितिन प्रसाद को बीते 2 लोकसभा चुनाव में मुंह की खानी पड़ी है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी जितिन प्रसाद को हार का ही मुंह देखना पड़ा था।


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