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हेमंत सोरेन सरकार के तीन साल पूरे होने पर भाजपा ने जारी की चार्जशीट, हर मोर्चे पर विफल बताया

jantaserishta.com
29 Dec 2022 9:54 AM GMT
हेमंत सोरेन सरकार के तीन साल पूरे होने पर भाजपा ने जारी की चार्जशीट, हर मोर्चे पर विफल बताया
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रांची (आईएएनएस)| झारखंड प्रदेश भाजपा ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के तीन साल को हर मोर्चे पर विफल करार दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में सरकार के खिलाफ चार्जशीट जारी किया। इसमें कहा गया है कि तीन सालों में इस सरकार ने झूठ, लूट एवं भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड कायम किए हैं। राज्यहित और जनहित में इस सरकार का धराशाई होना बेहद जरूरी है।
दीपक प्रकाश ने कहा कि झामुमो, कांग्रेस और राजद की अगुवाई वाली यह सरकार पूरी तरह विजनलेस है। भाजपा की ओर से जो चार्जशीट जारी की जा रही है, वह कोई राजनीतिक आरोप नहीं बल्कि राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता की भावना है। सरकार संपोषित करप्शन के कई मामले सामने आए हैं। सीएम और उनके करीबियों, परिजनों को जनता ने लाभान्वित होते देखा है। विधि व्यवस्था चौपट हो गई है। मतांतरण बेरोकटोक जारी है और इसे सरकार का समर्थन हासिल है। सीएम हेमंत सोरेन ने सरकार बनने के पहले ही साल में पांच लाख नौकरियां देने का वादा किया था। इन तीन वर्षों में महज कुछेक सौ लोगों को नौकरियां मिली हैं।
चार्जशीट में कहा गया है कि कानून व्यवस्था के मामले पर भी राज्य में बदतर स्थिति है। पिछले तीन सालों में देश में सबसे अधिक आपराधिक घटनाएं (एक लाख 88 हजार से अधिक) इसी राज्य में हुई हैं। 5200 लोगों की हत्या, महिलाओं के खिलाफ अनाचार, दुराचार के 5300 केस, अपहरण की 5200 घटनाएं दर्ज हुई हैं। 50-50 टुकडों में बेटियों, बहनों को काटा जा रहा है। राज्य सरकार ने गलत शराब नीति बनाकर राज्य के राजस्व को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है। मुख्यमंत्री को इस बात का जवाब देना चाहिए कि छत्तीसगढ़ के किस शराब माफिया के कारण झारखंड को राजस्व की हानि हुई है। कोयला, बालू की लूट मची है। बालू तो कालाबाजारी से ही लोगों को मिल रहा। प्रकृति प्रदत्त पानी, पहाड़, पर्वत, खनिज संपदा को लूटने, लुटवाने का कार्य जारी है। वनों की कटाई, खनिज संपदा का अवैध खनन हो रहा। आर्थिक व्यवस्था चरमराई हुई है। सीएम के काफिले के लिए गाड़ियां, मंत्रियों के बंगले बनाने पर बेहिसाब रकम फूंकी जा रही है।
1932 के खतियान और नियोजन नीति पर यह सरकार राजनीति करती रही।
पिछड़ों के हित की बात करने वाली यह सरकार उनकी विरोधी ही है। बगैर आरक्षण के पंचायत चुनाव कराए। नगर निकाय के चुनाव से वह बच रही। इसकी तुलना में मोदी सरकार ने सबसे अधिक सशक्त पिछड़े समाज को ही बनाया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी भरपूर जगह दी है। पिछड़ा आयोग को सशक्त किया गया है। संताल परगना में झामुमो के नेतृत्व में बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण मिल रहा है। डेमोग्राफी बदल रही है। तुष्टिकरण की राजनीति हो रही है।
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