पश्चिमी ओडिशा के जिले बारगढ़ से बीजेपी विधायक ने विधानसभा में शुक्रवार को हैंड सैनिटाइजर पीकर जान देने की कोशिश की। विधायक का सरकार पर आरोप है कि उनके क्षेत्र में हजारों किसानों की धान की खरीद ठीक ढंग से नहीं हो रही है। देवगढ़ के बीजेपी विधायक सुभाष चंद्र पनीग्रही ने आज सुबह खुद को धान खरीदारी के मामले पर खत्म कर लेने की धमकी भी दी थी। उन्होंने विधानसभा में हैंड सैनिटाइजर पीने की कोशिश की, लेकिन इसी दौरान वहां मौजूद संसदीय कार्य मंत्री विक्रम अरुखा, बीजेडी की सीनियर विधायक प्रमिला मलिक और अन्य विधायकों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। बीजेडी विधायक अनंत दास ने कहा कि हमें विधानसभा में किसानों का मुद्दा जरूर उठाना चाहिए, लेकिन सदन में ऐसी चीजें बिल्कुल भी स्वीकार्य योग्य नहीं हैं। पनीग्रही ने आत्महत्या की कोशिश तब की, जब राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री रणेंद्र प्रताप 2020-21 खरीफ सत्र में राज्य में धान खरीद की स्थिति के बारे में एक बयान पढ़ रहे थे। मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा अब तक 60.44 लाख टन धान की खरीद कई मार्केट यार्ड के जरिए से की गई है, जो पिछले साल के 53.31 लाख टन के संग्रह से काफी अधिक है। मंत्री ने कहा, "यह एक सर्वकालिक रिकॉर्ड है। हम 31 मार्च तक धान की खरीद जारी रखेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कोई वास्तविक किसान की फसल न बचे।" पिछले सीजन में 12.35 लाख के मुकाबले 15 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था।
बीजेपी और कांग्रेस के सदस्यों ने सुबह विधानसभा की कार्यवाही को रोक दिया और आरोप लगाया कि खरीद प्रक्रिया में कई दिक्कतें थीं। कांग्रेस नेता नरसिंह मिश्रा ने आरोप लगाया कि राज्य में धान खरीद अव्यवस्था की स्थिति में है। उन्होंने कहा, "राज्य सरकार ने पहले विधानसभा को आश्वासन दिया था कि धान की खरीद वास्तविक किसानों से की जाएगी और बिचौलियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। धान अभी भी मंडियों से खत्म नहीं हुआ है।''
उधर, नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता प्रदीप कुमार नाइक ने कहा कि मंत्री के आश्वासन के बाद भी किसानों से धान की खरीद नहीं की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के पास पंचायत स्तर पर क्रिकेट मैच आयोजित करने के लिए पैसा है, लेकिन किसानों से धान की खरीद करने के लिए नहीं है।