पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) के बाद से ही ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और उनके पूर्व सिपहसलार, वर्तमान में बीजेपी के विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के बीच टकराव जारी है. अब कांथी सहकारी बैंक (Kanthi Co-operative Bank) की प्रबंधन समिति ने शुभेंदु अधिकारी को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. इसके खिलाफ शुभेंदु अधिकारी ने अदालत में चुनौती देने की घोषणा की है.
बता दें कि राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अधिकारी लंबे समय तक कांथी सहकारी बैंक के अध्यक्ष थे. वह कांथी ही नहीं, अधिकारी पूर्व मिदनापुर में कई सहकारी बैंकों की प्रबंधन समिति के प्रमुख हैं. उन्हें इसी महीने कांथी सहकारी संघ के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. अब मंगलवार को उन्हें सहकारी बैंक के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. मंगलवार को बैंक प्रबंधन समिति की आपात बैठक हुई. चर्चा है कि लंबे समय से अध्यक्ष यानि अधिकारी की गैरमौजूदगी में बैंक की सामान्य सेवा बाधित हो रही है. इसलिए यह निष्कासन का निर्णय लिया ह. कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी इस मामले में बैंक को फैसले लेने का अधिकार दिया था.कांथी को-ऑपरेटिव बैंक प्रबंधन ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को इसकी जानकारी दी. बैंक में 19 निदेशक हैं. इनमें से 14 को वोट देने का अधिकार है. इस फैसले से 10 लोगों ने सहमति जताई. इस निर्णय के बाद सूचित किया गया है कि प्रबंधन समिति ने निर्णय लिया है कि बैंक के वर्तमान उपाध्यक्ष चिंतामणि मंडल अगले अध्यक्ष होंगे.
दूसरी ओर, शुभेंदु अधिकारी आरोप लगाया कि उन्हें राजनीतिक उद्देश्यों के लिए हटाया गया है. यह निष्कासन अवैध है. उन्होंने कहा "यह विशुद्ध रूप से राजनीति से प्रेरित है. यह निर्णय कानूनी रूप से नहीं किया गया है. ऐसा इसलिए है क्योंकि निष्कासन बैठक बुलाने वाले बैंक की प्रबंधन समिति के सचिव पार्थप्रतिम अनुपस्थित थे. मेरे लिए यह निष्कासन पूरी तरह से महत्वहीन है. इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे." बता दें कि विधानसभा चुनाव के बाद से ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी के बीच तकरार जारी है.