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बीजेपी अब राज्य के को लपेटे में ले रही है।
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर खदान लीज लेने के आरोपों के बीच बीजेपी अब राज्य के डीजीपी नीरज सिन्हा को लपेटे में ले रही है। डीजीपी नीरज सिन्हा के पे स्लिप को लेकर राजनीति गरमा गई है। अधिवक्ता रामसुभग सिंह के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत प्रधान महालेखाकार से जानकारी मिली थी कि डीजीपी नीरज सिन्हा को पे स्लीप निर्गत नहीं किया जा रहा है।
इस मामले में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कूद पड़े हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि डीजीपी बगैर वेतन काम कर रहे हैं। जिस राज्य में डीजीपी बिना वेतन काम करेगा वहां विधि व्यवस्था की हालत कैसी होगी। उन्होंने कटाक्ष करते हुए लिखा है कि वहां बालू, पत्थर, जमीन की चोरी नहीं तो और क्या होगी।
बाबूलाल मरांडी के ट्वीट के बाद झारखंड सरकार के आईपीआरडी ने ट्वीट कर स्थिति स्पष्ट किया है। आईपीआरडी के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के प्रकाश सिंह जजमेन्ट के अनुसरण में नीरज सिन्हा को पुलिस महानिदेशक (बल प्रमुख) के पद पर दो वर्षों का कार्यकाल दिया गया है, जो 11 फरवरी 2023 तक प्रभावी है। इस प्रकार उनके सेवानिवृत्ति की तिथि 11 फरवरी 2023 है। ऐसी ही व्यवस्था बिहार समेत कई अन्य राज्यों में लागू है। उनका माह अप्रैल 2022 तक का वेतन भुगतान हो चुका है।
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