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लखनऊ: साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के करीबी रहे आदित्य मिश्रा की सड़क हादसे में मौत हो गई. उनका शव संदिग्ध हालत में बरेली में मिला. हालांकि परिवार के लोग इसके पीछे किसी साजिश की आशंका जता रहे हैं. परिजन इस मामले में जांच की मांग कर रहे हैं, ताकि आदित्य मिश्रा की मौत का सच सामने आ सके.
महंत नरेंद्र गिरि ने पिछले साल सितंबर में खुदकुशी से पहले लिखे गए सुसाइड नोट में आदित्य मिश्रा के नाम का जिक्र किया था. वैसे कभी दोनों काफी करीब थे. नरेंद्र गिरि ने आदित्य मिश्रा को प्रयागराज में लेटे हुए हनुमान जी मंदिर परिसर में एक दुकान दे रखी थी. दोनों का आपस में पैसों का लेन-देन चलता था. हालांकि दोनों में विवाद भी हुआ था. इसके बाद नरेंद्र गिरि ने आदित्य मिश्रा से दुकान खाली करा ली थी. आदित्य ठेकेदारी भी करते थे.
परिजनों के मुताबिक, आदित्य मिश्रा अपनी कार से परिचित की बारात में प्रयागराज से देहरादून गए थे. बुधवार दोपहर देहरादून से वापस प्रयागराज के लिए रवाना हुए थे. उनके साथ उनका बेटा हर्ष, मित्र, गनर पुनीत तिवारी और एक अन्य शख्स भी था. आदित्य मिश्रा ड्राइवर नहीं ले गए थे. परिवारवालों को देर रात खबर मिली कि आदित्य मिश्रा की कार का बरेली में एक्सीडेंट हो गया, जिसमें आदित्य और उनके दोस्त अशोक पांडे की मौत हो गई. आदित्य का शव रात तक प्रयागराज पहुंचने की संभावना है. उनके बूढ़े मां-बाप को हादसे की खबर नहीं दी गई है.
कई विभागों में ठेकेदारी करने वाले आदित्य मिश्रा का नाम महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में भी लिखा था. इसके मुताबिक, आदित्य मिश्रा से उन्हें 25 लाख रुपए लेना था. नरेंद्र गिरि की मौत के बाद भी आदित्य मिश्रा का हनुमान मंदिर और बाघम्बरी मठ आना जाना लगा रहता था. परिवारवाले मौत की उच्च स्तरीय जांच चाहते हैं. परिजनों का कहना है कि आदित्य मिश्रा की मौत महज सामान्य सड़क हादसा है या इसके पीछे कोई साजिश है, तस्वीर साफ होनी चाहिए. अब सबकी नजरें बरेली पुलिस की जांच पर है.
jantaserishta.com
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