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नुपुर शर्मा प्रकरण से भाजपा ने नहीं ली कोई सीख, केजरीवाल की चुप्पी पर उठे सवाल

Rounak Dey
12 Oct 2022 5:56 AM GMT
नुपुर शर्मा प्रकरण से भाजपा ने नहीं ली कोई सीख, केजरीवाल की चुप्पी पर उठे सवाल
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दिल्ली। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक वीडियो जारी कर प्रवेश वर्मा के बयानों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेताओं के द्वारा समय-समय पर इसी तरह के बयान दिए जाते हैं, यही कारण है कि छोटे स्तर के कार्यकर्ता यह समझते हैं कि बड़ी राजनीतिक सफलता हासिल करने के लिए उन्हें भी इसी तरह के बयान देने चाहिए

जिस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मुस्लिम समुदाय का दिल जीतने और उन्हें अपने साथ लेने की बात कह रहे हैं, उसी समय भाजपा के कुछ नेता उसी अल्पसंख्यक समुदाय के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं। इससे भाजपा की कथनी-करनी में अंतर होने के आरोप भी गहरा रहे हैं। नूपूर शर्मा प्रकरण में अपने हाथ जला चुकी भाजपा ने अपने नेताओं से इस तरह की किसी बयानबाजी से दूर रहने की भी सलाह दी थी, लेकिन फिलहाल भाजपा नेताओं पर इस सलाह का कोई असर होता हुआ नहीं दिखाई पड़ रहा है। वहीं, इस मामले पर आम आदमी पार्टी या उसके नेता अरविंद केजरीवाल ने कोई टिप्पणी नहीं की है। कांग्रेस ने उनकी चुप्पी पर भी प्रश्न खड़ा किया है।

पश्चिमी दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा की नई टिप्पणी ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का बहिष्कार करने की अपील कर दी। इससे राजधानी का माहौल एक बार फिर तनावपूर्ण हो गया है। उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कर ली गयी है। लेकिन अब तक उन पर कोई कठोर कार्रवाई न होने से दिल्ली पुलिस के इरादों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, दिल्ली के नंद नगरी इलाके में गत एक अक्तूबर को मनीष नाम के एक युवक की हत्या कर दी गयी। इस मामले में मुस्लिम युवकों आलम, बिलाल, साजिद और फैजान को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके बाद से ही इस पूरे इलाके का माहौल तनावपूर्ण है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इस हत्या के विरोध में आक्रोश सभा का आयोजन किया था, जिसमें सांसद प्रवेश वर्मा और लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर पहुंचे थे। कथित तौर पर प्रवेश वर्मा ने इसी कार्यक्रम में मुसलमानों को ठीक करने के लिए उनसे कोई सामान न खरीदने और उनके पूर्ण बहिष्कार करने की अपील की थी।

इसी कार्यक्रम में विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने आरोप लगाया था कि लगभग 30 साल पहले यह इलाका हिंदू बहुल हुआ करता था, लेकिन एक साजिश के अंतर्गत यहां पर मुसलमानों को बसाया गया और आज उसके दुष्परिणाम वहां के हिंदुओं को भुगतना पड़ रहे हैं।

क्या गुजरात चुनाव हैं इन बयानों का कारण

अगले दो महीने के भीतर गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव होने हैं। इन दोनों ही राज्यों में भाजपा को अपनी सत्ता बचाए रखने की चुनौती है। विशेषकर गुजरात में भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है, जो पीएम मोदी का गृहराज्य है और जहां कोई बड़ा उलटफेर होने से भाजपा की आगे की चुनावी यात्रा पर गहरा असर पड़ सकता है। चर्चा है कि भाजपा नेता इन चुनावों में मतदाताओं के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को ध्यान में रखते हुए ही इस तरह के तनावपूर्ण बयान दे रहे हैं।

हालांकि, राजधानी दिल्ली में इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जहां हिंदू-मुस्लिम समुदाय के किसी भी दो लोगों के बीच की घटना को सांप्रदायिक रंग दे दिया जाता है और पूरे इलाके का माहौल तनावपूर्ण हो जाता है। इसी तरह की कोशिशों के कारण दिल्ली को 2020 में दंगों की आग से गुजरना पड़ा था, जिसमें आईबी अधिकारी अंकित शर्मा समेत 53 लोगों को अपनी जान से हाथ गंवाना पड़ा था।

भाजपा में आगे बढ़ने का रास्ता यही- कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक वीडियो जारी कर प्रवेश वर्मा के बयानों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि इसके पहले नूपुर शर्मा प्रकरण में आपत्तिजनक बयानबाजी के कारण भाजपा को झुकना पड़ा था। इसके कारण देश को भी सहयोगी मुस्लिम देशों के सामने असहज स्थिति का सामना करना पड़ा था। लेकिन इसके बाद भी भाजपा नेताओं के इस तरह के ब्यान जारी हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेताओं के द्वारा समय-समय पर इसी तरह के बयान दिए जाते हैं, यही कारण है कि छोटे स्तर के कार्यकर्ता यह समझते हैं कि बड़ी राजनीतिक सफलता हासिल करने के लिए उन्हें भी इसी तरह के बयान देने चाहिए। श्रीनेत ने वर्मा पर कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग की है।

केजरीवाल चुप क्यों?

सांसद प्रवेश वर्मा और नंदकिशोर गुर्जर पर आम आदमी पार्टी ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। कांग्रेस ने केजरीवाल की चुप्पी को लेकर सवाल किया है। पार्टी ने कहा है कि हर मामले पर मुसलमानों के मामले में आगे बढ़ चढ़कर बोलने वाले और स्वयं को उनका सबसे बड़ा हितैषी बताने वाले केजरीवाल को बताना चाहिए कि इस मामले पर उनकी राय क्या है?

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