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बीजेपी मुख्यमंत्री का बयान, मुस्लिम समुदाय से कहा मुझे वोट मत देना

Nilmani Pal
12 Aug 2023 1:23 AM GMT
बीजेपी मुख्यमंत्री का बयान, मुस्लिम समुदाय से कहा मुझे वोट मत देना
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असम. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि वह "वोट बैंक की राजनीति" नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विपरीत वे राजनीति को मुस्लिम समुदाय से जुड़े मुद्दों से नहीं जोड़ते हैं। यही नहीं, असम सीएम ने कहा, "फिलहाल, मुझे मुस्लिम वोट नहीं चाहिए। सभी समस्याएं वोट बैंक की राजनीति के कारण होती हैं... मैं महीने में एक बार मुस्लिम इलाके में जाता हूं, उनके कार्यक्रमों में शामिल होता हूं और लोगों से मिलता हूं, लेकिन मैं राजनीति को विकास से नहीं जोड़ता हूं। मैं चाहता हूं कि मुसलमानों को एहसास हो कि कांग्रेस के साथ उनका रिश्ता वोट का है।'

एनडीटीवी के साथ इंटरव्यू में सरमा ने कहा, "(मुस्लिम) मुझे वोट मत देना। मुझे अगले 10 वर्षों में आपके क्षेत्रों का विकास करने दीजिए। मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि बाल विवाह प्रथा समाप्त हो, मदरसों में जाना बंद हो। इसके बजाय कॉलेजों में जाएं। मैं मुस्लिम बेटियों, विशेषकर लड़कियों के लिए सात कॉलेजों का उद्घाटन करने जा रहा हूं।"

हिमंत बिस्व सरमा पूर्वोत्तर राज्य में भाजपा की लगातार दूसरी जीत के बाद 2021 में असम के 15वें मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने सर्बानंद सोनोवाल के जगह ली थी। सरमा ने बताया कि मुसलमानों के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि भाजपा के साथ उनका रिश्ता वोटों से परे है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने मुस्लिम इलाकों में बुनियादी ढांचे या स्कूल नहीं बनाए। लेकिन मैं उनका विकास करना चाहता हूं। मैं 10-15 साल तक ऐसा करूंगा, फिर मुसलमानों से वोट मांगूंगा। अगर मैं अब उनसे वोट मांगूंगा तो यह लेन-देन का रिश्ता बन जाएगा। मैं नहीं चाहता कि यह लेन-देन का रिश्ता बने।'' इंटरव्यू में सरमा ने कहा कि उन्होंने पिछले राज्य चुनाव में भी मुस्लिम इलाकों में प्रचार नहीं करने का फैसला किया था। उन्होंने कहा, "2016 और 2020 में प्रचार के दौरान मैं मुस्लिम इलाकों में नहीं गया। मैंने कहा था कि मैं चुनाव जीतने के बाद ही जाऊंगा। इस बार भी मैं उनसे कह रहा हूं कि आप जिसे चाहें वोट दें। बीजेपी उनके इलाके में प्रचार नहीं करेगी।" भाजपा ने 2021 में विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरा कार्यकाल जीता था। 126 सदस्यीय असम विधानसभा में 60 सीटें भाजपा को मिली लीं। जबकि उसके गठबंधन सहयोगियों एजीपी को नौ सीटें और यूपीपीएल को छह सीटें मिलीं। हिमंत सरमा 2015 में कांग्रेस से भाजपा में आए थे।


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