'विकास सप्ताह' के दौरान, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, साबरमती रिवरफ्रंट, सूरत डायमंड बोर्स और द्वारका सुदर्शन ब्रिज सहित राज्य भर के 23 प्रतिष्ठित स्थानों पर गुजरात के विकास में प्रधानमंत्री मोदी के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए 'विकास पदयात्रा' (विकास मार्च) का आयोजन किया जाएगा। सप्ताह के दौरान कई गतिविधियों की योजना बनाई गई है। इनमें स्कूलों और कॉलेजों में विकास-थीम वाले निबंध प्रतियोगिताएं, स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम, तथा दीवारों पर पेंटिंग और प्रकाश व्यवस्था के साथ प्रमुख सार्वजनिक स्थानों का सौंदर्यीकरण शामिल है।
नागरिकों को हैशटैग 'विकाससप्ताह' का उपयोग कर सोशल और डिजिटल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी के शासन के अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। समारोह के दौरान, गुजरात सरकार ने 3,500 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने की भी प्रतिबद्धता जताई है। 'विकास सप्ताह' का प्रत्येक दिन एक विशिष्ट विषय को समर्पित होगा। इसमें युवा सशक्तिकरण दिवस, सुशासन दिवस, उद्यमिता दिवस और पोषण और स्वास्थ्य दिवस शामिल हैं।
ये थीम वाले दिन उन प्रमुख पहलों पर केंद्रित होंगे, जिन्होंने पिछले दो दशकों में गुजरात के समावेशी विकास को गति दी है। स्वास्थ्य मंत्री और सरकार के प्रवक्ता रुशिकेश पटेल ने पीएम मोदी के नेतृत्व के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, उनके मार्गदर्शन में गुजरात की 23 साल की विकास यात्रा ने राज्य को प्रगति का वैश्विक रोल मॉडल बना दिया है। पटेल ने कहा, "राज्य सरकार प्रधानमंत्री मोदी के परिवर्तनकारी नेतृत्व को 'विकास सप्ताह' के वार्षिक उत्सव के साथ इस यात्रा को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम मोदी ने देश को दिखाया है कि किस प्रकार जन भागीदारी और नीति-संचालित शासन से उल्लेखनीय विकास परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। उनके विजन ने गुजरात के विकास को गति दी है और हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि गुजरात भारत की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता रहे।"
7 अक्टूबर 2001 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से नरेंद्र मोदी ने विकास नीतियों की एक श्रृंखला शुरू की। जिसने राज्य को नया रूप दिया है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल उद्योग, बेहतर कृषि व्यवस्था और जनता से जुड़े तमाम मुद्दों के लिए जाना गया। उनकी सरकार ने जल संरक्षण से लेकर स्वच्छता के मोर्चे पर मिसाल कायम की।
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में जल संरक्षण को प्राथमिकता दी गई थी। साथ ही स्वच्छता को पीएम मोदी ने जनता का अभियान बना दिया। निर्मल गुजरात पहल के साथ, जिसका लक्ष्य समुदाय द्वारा संचालित प्रयासों के माध्यम से खुले में शौच को समाप्त करना था। इसी सोच ने साल 2014 में राष्ट्रव्यापी स्वच्छ भारत मिशन की नींव रखी।
मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने लोहा अभियान का भी नेतृत्व किया, जिसके तहत सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के लिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण के लिए लोहा इकट्ठा किया गया। इस अभियान में 300,000 से अधिक गांवों से हिस्सा लिया। मोदी के पर्यावरण प्रयासों में वन महोत्सव वृक्षारोपण उत्सव और एक पेड़ मां के नाम शामिल हैं, जिसने देश भर में 800 मिलियन पेड़ लगाने को प्रेरित किया।