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विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार भारती घोष गिरफ्तारी वारंट पर रोक के लिए पहुंचीं सुप्रीम कोर्ट
Deepa Sahu
8 March 2021 5:21 PM GMT
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पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा की उम्मीदवार एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा की उम्मीदवार एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष अपने खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। उन्होंने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी भी रद्द करने की मांग की है। भाजपा ने पिछले हफ्ते घोष को पश्चिम मेदिनीपुर जिले की डेबरा सीट पर तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी हुमायूं कबीर के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा था। कबीर भी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी रह चुके हैं। न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति केएम जोसफ की पीठ ने इस मामले को मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
घोष ने अधिवक्ता समीर कुमार के मार्फत दायर अपनी अर्जी में कहा है कि 19 फरवरी 2019 को उनके (घोष के) खिलाफ दर्ज सिलसिलेवार झूठे मामलों में शीर्ष न्यायालय ने उन्हें किसी तरह की कठोर कार्रवाई से राहत प्रदान की थी, इसके बावजूद भी उन्हें नए मामलों में फंसाया जा रहा है।उन्होंने कहा कि इस तरह की प्राथमिकी को यथासंभव लंबे समय तक गुप्त रखा जाता है और याचिकाकर्ता को प्रताड़ित करने के लिए अचानक ही उसे सामने ला दिया जाता है ताकि वह हर समय अदालती कार्यवाही में फंसी रहें और उन्हें अपना राजनीतिक करियर बनाने से रोका जा सके।
डेबरा सीट पर दो पूर्व आईपीएस के बीच टक्कर, रोमांचक होगा मुकाबला
27 मार्च से शुरू होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव में एक ऐसी सीट भी है जहां दो पूर्व आईपीएस अफसर एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। हम बात कर रहे हैं डेबरा सीट की जहां तृणमूल कांग्रेस ने हुमायूं कबीर को टिकट दिया है तो वहीं बीजेपी ने इस सीट पर भारती घोष को मैदान में उतारा है। कोलकाता से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित इस विधानसभा सीट पर मुकाबला दो पूर्व पुलिस अधिकारियों के बीच होगा।
बीजेपी की तरफ से बीते शनिवार को ही 60 सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी गई थी। दो चरण के चुनाव वाली इन सीटों के लिए बीजेपी ने 57 प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। इन नामों में भारती घोष भी हैं जो पूर्व आईपीएस अधिकारी होने के साथ ही बीजेपी की उपाध्यक्ष भी बनाई गई हैं।
बात करें टीएमसी के प्रत्याशी हुमायूं कबीर पहली बार राजनीति के अखाड़े में उतर रहे हैं जबकि घोष इससे पहले घाटल से लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। इसके बाद दो मई को वोटों की गिनती होगी और मंत्रियों की जीत-हार का पता चलेगा।
तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए पिछले महीने चुनावी बिगुल फूंका गया था। लेकिन बीते रविवार को कोलकाता में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशाल रैली के बाद इसमें और तेजी आ गई। आठ चरणों में होने वाले चुनाव के लिए मुख्य पार्टी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी में लगातार जुबानी जंग देखने को मिल रही है। यही नहीं उम्मीदवारों के चयन में भी दोनों तरफ से बड़े-बड़े चेहरों को टिकट दिया जा रहा है।
कुल मिलाकर सत्ताधारी पार्टी किसी भी तरह से सत्ता हाथ से नहीं जाने देना चाहती है तो वहीं भाजपा भी सरकार बनाने के लिए हर मौके को भुनाने की कोशिश में है। इसी कड़ी में दोनों पार्टियों की तरफ से डेबरा विधानसभा सीट पर दो प्रशासनिक अधिकारी आमने-सामने होंगे और जीत के लिए जोर लगाएंगे।
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