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नेहरू मेमोरियल का नाम बदला: भाजपा ने पूछा सवाल, इंदिरा और राजीव गांधी से कांग्रेस को दिक्कत है क्या?

jantaserishta.com
16 Jun 2023 10:08 AM GMT
नेहरू मेमोरियल का नाम बदला: भाजपा ने पूछा सवाल, इंदिरा और राजीव गांधी से कांग्रेस को दिक्कत है क्या?
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने को लेकर कांग्रेस के तीखे हमलों का सामना कर रही भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा है कि वहां देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल और उनकी उपलब्धियों का जिक्र किया गया है, लेकिन कांग्रेस को अपने ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी से दिक्कत है क्या? भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पार्टी मुख्यालय में मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए पूछा कि कांग्रेस के कितने नेताओं ने जाकर अंदर से नेहरू मेमोरियल को देखा है। पहले इसकी कितनी बुरी हालत थी, यह धूल फांक रहा था। मोदी सरकार ने इसे पूरी तरह व्यवस्थित कर, जवाहर लाल नेहरू से जुड़ी चीजों को भी व्यवस्थित कर, मॉडर्न तरीके से डिजिटल स्वरूप में रखने का कार्य किया।
त्रिवेदी ने कहा कि यहां पर सभी पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल और उनकी उपलब्धियों का जिक्र किया गया है। कांग्रेस को लाल बहादुर शास्त्री, नरसिम्हा राव और अटल बिहारी वाजपेयी से दिक्कत हो सकती है, लेकिन कांग्रेस को अपने ही पूर्व प्रधानमंत्री, परिवार से जुड़े पूर्व प्रधानमंत्री- इंदिरा गांधी और राजीव गांधी से दिक्कत है क्या? वहां पर तो इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह समेत सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की उपलब्धि का जिक्र किया गया है।
भाजपा प्रवक्ता ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस की अब यह हालत हो गई है कि मोदी का विरोध करते-करते वो अब अपने ही नेताओं का विरोध और अपमान करने में लग गई है। 'मोदिया बिंद' की वजह से कांग्रेस अपने पराए का ही भेद नहीं कर पा रही है।
मणिपुर को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए त्रिवेदी ने कहा कि मणिपुर के हालात पर केंद्र सरकार पूरी सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ नजर भी रखे हुए हैं और हर सम्भव प्रयास भी कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक के चुनाव प्रचार अभियान को छोड़कर मणिपुर पर बैठक ली थी। विपक्षी दलों को नसीहत देते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि विपक्षी दलों को धर्म को राजनीति से जोड़ना और राजनीति को धर्म से जोड़ने के प्रयास से बाज आना चाहिए।
यूसीसी को लेकर विधि आयोग द्वारा मांगे गए सुझाव पर मचे राजनीतिक विवाद के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए त्रिवेदी ने कहा कि विधि आयोग ने सुझाव मांगा है जो कि एक सामान्य वैधानिक और प्रशासनिक प्रक्रिया है और इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
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