कर्नाटक के कृषि मंत्री बी सी पाटिल ने आत्महत्या करने वाले किसानों पर आज विचित्र टिप्पणी करते हुए उन्हें कायर कहा. उन्होंने कहा कि वो किसान कायर होते हैं, जो आत्महत्या कर जीवन को खत्म कर देते हैं. कर्नाटक के कोडागु जिले के पोन्नमपेट में किसानों को संबोधित करते कृषि मंत्री ने कहा कि, खुदकुशी करने वाले किसान कायर होते हैं. उन्होंने कहा जो अपनी पत्नी और बच्चों की चिंता किए बिना आत्महत्या कर लेता है, वो कायर होता है. उन्होंने इस तरह की घटनाओं के लिए नसीहत देते हुए कहा कि जब हम पानी में गिरते हैं, तो हमें तैरना और जीतना होगा.
कर्नाटक के कृषि मंत्री ने यह टिप्पणी पोन्नमपेट इलाके के बांस उत्पादकों से बातचीत के दौरान की. इस दौरान उन्होंने किसानों को बताया कि कृषि व्यवसाय कितना फायदेमंद है, लेकिन कुछ कायरों को इस बात का अहसास ही नहीं होता , और वह खुदकुशी करके जीवन खत्म कर देते हैं.
अपनी बात को समझाने के लिए कृषि मंत्री ने एक ऐसी महिला का उदाहरण दिया, जिसने सोने की चूड़ियां पहनी हुई थीं. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने महिला से पूछा कि उन्हें इतनी सोने की चूड़ियां कैसे मिलीं, तो महिला ने जवाब दिया कि 35 साल की मेहनत के बाद धरती मां ने उन्हें यह दिया है. कृषि मंत्री ने सवाल किया कि जब एक महिला पूरी तरह से कृषि पर निर्भर होकर बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकती है, तो दूसरे किसान ऐसा क्यों नहीं कर सकते.
कृषि मंत्री की किसानों पर की गई टिप्पणी के बाद कर्नाटक कांग्रेस के प्रवक्ता वी एस उग्रप्पा ने उनके बयान की निंदा की है, उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री ने इस तरह की बात कहकर किसानों का अपमान किया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि इस अपमानजनक बयान के लिए कृषि मंत्री को पूरे किसान समुदाय से माफी मांगनी चाहिए.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कृषि मंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि पहले उन्हें यह जानने की जरूरत है कि, कुछ किसान आखिर क्यों आत्महत्या करते हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी किसान जीवन खत्म करना नहीं चाहता, बाढ़ और सूखे जैसे कई कारण हैं, जिन्हें अभी तक समझा और सुलझाया नहीं जा सका है, कांग्रेस नेता उर्गप्पा ने कहा कि समस्या की गंभीरता को समझने की बजाय कृषि मंत्री इस तरह का गैरजिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं.