भारत

सीकर में मनाई गई महात्मा गांधी एवं शास्त्री जी की जयंती, प्रार्थना सभा का आयोजन

Shantanu Roy
2 Oct 2023 4:30 PM GMT
सीकर में मनाई गई महात्मा गांधी एवं शास्त्री जी की जयंती, प्रार्थना सभा का आयोजन
x
सीकर। सीकर राष्ट्र पिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर सोमवार को श्रीमाधोपुर के स्कूलों, कॉलेजों में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। उपखण्ड स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल श्रीमाधोपुर में हुआ। एसडीएम दिलीप सिंह राठौड़ ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। जिसमें दोनों महापुरुषों को पुष्पांजलि अर्पित कर उनके जीवन और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के बारे में बताया। इस मौके पर विभिन्न धर्मों के भजन, कीर्तन की प्रस्तुति लोक कलाकारों ने दी। कार्यक्रम में सीबीईओ विनोद कुमार शर्मा, बीसीएमओ डॉ.राजेश मंगावा, सामाजिक सुरक्षा अधिकारी शिवकुमार अग्रवाल, महात्मा गांधी दर्शन समिति श्रीमाधोपुर के संयोजक रक्षपालदास स्वामी समेत ब्लॉक स्तरीय अधिकारी, कर्मचारी, आमजन और स्टूडेंट्स मौजूद रहे। गांधीजी अपने पत्र हरिजन में सीकर के पलथाना गांव के एक कुएं का जिक्र भी कर चुके हैं। इतिहासकार पुरोहित के अनुसार गांव में कुए से हरिजनों को पानी नहीं भरने देने पर पलथाना गांव निवासी गोविंद नारायण हिंदुस्तानी ने सत्याग्रह किया था। जिसका जिक्र गांधीजी ने अपने पत्र हरिजन में किया था। लेख के असर से ब्रिटिश सरकार ने गांव में दूसरा कुआं बनाने के लिए सीकर रियासत को तार भी भेजा था।
महात्मा गांधी नवलगढ़ स्थित पोद्दार शिक्षण संस्थान के पहले ट्रस्टी भी हैं। 1921 में महात्मा गांधी ने तिलक स्वराज फंड के लिए एक करोड़ रुपए दान की अपील जनता से की तो जमनालाल बजाज के कहने पर आनंदीलाल पोद्दार ने भी ट्रस्ट में दान दिया था। इसके बाद आनंदीलाल पोद्दार, जमनालाल बजाज और पंडित मदनमोहन मालवीय ने आनंदीलाल पोद्दार ट्रस्ट की स्थापना की। जिसके पहले अध्यक्ष महात्मा गांधी खुद थे। काशी का बास निवासी जमनालाल बजाज महात्मा गांधी के पांचवे पुत्र कहलाते हैं। उनकी जीवनी पर मुंबई से प्रकाशित शोभालाल गुप्त की ’जन्मभूमि से बंधा मन (जमनालाल बजाज व राजस्थान)’ में इसका जिक्र है। जिसमें लिखा है कि 1920 के नागपुर कांग्रेस अधिवेशन से जमनालाल बजाज ने खुद को गांधीजी के पांचवे पुत्र के रूप में समर्पित कर दिया था। इतिहासकार महावीर पुरोहित भी लिखते हैं कि जमनालाल बजाज ने गांधीजी के सामने प्रस्ताव रखा था कि जिसके बेटा नहीं होता वह बेटा गोद लेता है, लेकिन मेरे तो जन्मदाता पिता कनीराम व दत्तक पिता बच्छराजजी दोनों ही नहीं रहे। ऐसे में मैं आपको पिता के रूप में गोद लेना चाहता हूं। यह सुन गांधीजी एकबारगी तो सकुचाए, पर फिर उन्होंने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। इसके बाद से वे गांधीजी को बापू कहने लगे। जिन्हें देखते हुए अन्य लोग भी उन्हें इस नाम से संबोधित करने लगे। जमनालाल बजाज गांधीजी के स्वदेशी, खादी व सत्याग्रह सहित सभी आंदोलनों में उनके सहयोगी रहे। सीकर के वैद्य प्रहलाद राय व लादूराम जोशी गांधीजी के साथ उनके आश्रम रह चुके हैं। वैद्य प्रहलाद राय ने साथ भोजन करते समय एकबार गांधीजी को परोसी गई चटनी मांगी थी। जो दिए जाने पर उन्हें पता चला कि वह नीम के पत्तों की कड़वी चटनी थी।
Tagsराजस्थान न्यूज हिंदीराजस्थान न्यूजराजस्थान की खबरराजस्थान लेटेस्ट न्यूजराजस्थान क्राइमराजस्थान न्यूज अपडेटराजस्थान हिंदी न्यूज टुडेराजस्थान हिंदीन्यूज हिंदी न्यूज राजस्थानराजस्थान हिंदी खबरराजस्थान समाचार लाइवRajasthan News HindiRajasthan NewsRajasthan Ki KhabarRajasthan Latest NewsRajasthan CrimeRajasthan News UpdateRajasthan Hindi News TodayRajasthan HindiNews Hindi News RajasthanRajasthan Hindi KhabarRajasthan News Liveदिन की बड़ी ख़बरअपराध खबरजनता से रिश्ता खबरदेशभर की बड़ी खबरताज़ा समाचारआज की बड़ी खबरआज की महत्वपूर्ण खबरहिंदी खबरजनता से रिश्ताबड़ी खबरदेश-दुनिया की खबरराज्यवार खबरहिंदी समाचारआज का समाचारबड़ा समाचारनया समाचारदैनिक समाचारब्रेकिंग न्यूजBig news of the daycrime newspublic relation newscountrywide big newslatest newstoday's big newstoday's important newsHindi newsrelationship with publicbig newscountry-world newsstate wise newshindi newstoday's newsnew newsdaily newsbreaking news
Shantanu Roy

Shantanu Roy

    Next Story