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बहरीन/नई दिल्ली (आईएएनएस)| बहरीन दौरे पर गए भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अंतर-संसदीय संघ- आईपीयू के अध्यक्ष डुआर्टे पचेको से मुलाकात के दौरान कहा कि भारत औरआईपीयू का वैश्विक ²ष्टिकोण समान है। भारत और आईपीयू दोनों एक ऐसे विश्व का निर्माण करना चाहते हैं, जहां सबके विचारों को सुना जाता हो, लोकतांत्रिक सिद्धांतों और बहुपक्षवाद को महत्व और प्राथमिकता दी जाती हो तथा सभी को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाता है।
भारत को मिली जी -20 अध्यक्षता और इस संदर्भ में भारत में होने वाले पी-20 सम्मेलन का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि भारत की जी- 20 की अध्यक्षता आशा, सद्भाव, शांति और स्थिरता के विचारों पर आधारित है। भारत की संसद 2023 में 9वें पी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगी। उन्होंने आईपीयू अध्यक्ष को यह जानकारी दी कि पी-20 शिखर सम्मेलन की आईपीयू द्वारा संयुक्त मेजबानी के लिए भारत की संसद के साथ आईपीयू के सहयोग का प्रस्ताव मिला है। इस परिप्रेक्ष में बिरला ने कहा कि भारत में आयोजित होने वाले पी-20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए भारत आईपीयू के सहयोग का लाभ उठाना चाहेगा।
आईपीयू में भारत की संसद की भागीदारी पर बोलते हुए लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि लोक सभा अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने के पश्चात उन्होंने आईपीयू की सभाओं में हमेशा भारत की संसद और संसद सदस्यों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने को महत्व दिया है। आईपीयू के कार्यकारी समिति में सांसद अपराजिता सारंगी का निर्वाचन होने के बाद वह इसकी बैठकों में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं। साथ ही अन्य संसद सदस्य भी आईपीयू की विभिन्न स्थायी समितियों, कार्य समूहों, मंचों और इसके अन्य निकायों की चचार्ओं में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
आपको बता दें कि, बहरीन के मनामा में 11 से 15 मार्च के दौरान होने वाली अंतर-संसदीय संघ की 146 वीं बैठक में शामिल होने के लिए लोक सभा एवं राज्य सभा सांसदों का भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल लोक सभा अध्यक्ष बिरला के नेतृत्व में बहरीन की यात्रा पर गया हुआ है। बहरीन यात्रा पर पहुंचे बिरला ने श्रीनाथजी मंदिर का दौरा किया। उन्होंने मंदिर में वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करने के बाद कहा कि मंदिर के जीर्णोद्धार की योजना, जिसकी शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में अपनी बहरीन यात्रा के दौरान की थी, भारत और बहरीन के बीच सभ्यतागत संबंधों को संरक्षित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम था। मंदिर में अपने गृह राज्य राजस्थान की कला और संस्कृति के स्पष्ट प्रभाव दिखाई देने पर उन्होंने हर्ष भी व्यक्त किया।
इसके अलावा बिरला ने स्थानीय लोगों के साथ होली भी खेली। बहरीन के कई स्थानीय लोग होली के कार्यक्रम में बड़े उत्साह के साथ शामिल हुए।
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