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बर्ड फ्लू का अलर्ट, चिकन बिक्री पर रोक लगाने की तैयारी

Nilmani Pal
22 Feb 2023 1:51 AM GMT
बर्ड फ्लू का अलर्ट, चिकन बिक्री पर रोक लगाने की तैयारी
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सोर्स न्यूज़   - आज तक  

700 मुर्गों की बर्ड फ्लू से मौत हुई

झारखंड। बोकारो जिले के एक सरकारी पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार अलर्ट पर है. उन्होंने कहा कि लोहांचल के फार्म में चिकन की प्रोटीन से भरपूर नस्ल, जिसे 'कड़कनाथ' के नाम से जाना जाता है, में एच5एन1 वैरिएंट की मौजूदगी की पुष्टि हुई. यहां अन्य नस्ल समेत अब तक कुल 700 मुर्गों की बर्ड फ्लू से मौत हुई है.

लैब से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार लोहांचल स्थित राजकीय पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू से अधिकतक कड़कनाथ मुर्गों की मौत हुई है. इसके एक किमी के दायरे में आने वाले क्षेत्र को प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है और 10 किमी के दायरे के क्षेत्र को निगरानी क्षेत्र घोषित किया गया है. बोकारो जिला प्रशासन द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "इन क्षेत्रों में चिकन/बत्तख आदि की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाएगा." अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य, अरुण कुमार सिंह ने पीटीआई को बताया कि राज्य अलर्ट पर है. बोकारो के उपायुक्त कुलदीप चौधरी के मुताबिक जिले के सीमावर्ती इलाकों पर नजर रखने और बड़े पोल्ट्री फार्मों के मुर्गियों/बत्तखों के सैंपल लेने के लिए एक मेडिकल टीम का गठन किया गया है.

साथ ही मेडिकल टीम को संक्रमित जोन में रहने वाले लोगों के सैंपल लेने को भी कहा है. वहीं बर्ड फ्लू से संक्रमित किसी के इलाज के लिए सदर अस्पताल में अलग से वार्ड बनाया गया है. प्रशासन ने लोगों से कुछ दिनों तक चिकन/बतख खाने से परहेज करने का आग्रह किया है. इसमें कहा गया है कि मनुष्यों में संक्रमण के लक्षणों में पीठ के ऊपरी हिस्से में गंभीर दर्द, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सर्दी और थूक में खून शामिल हैं.

पशुपालन निदेशालय ने सरकारी पोल्ट्री में मुर्गियों पर नजर रखने के निर्देश दिए थे. बोकारो में सरकारी मुर्गी फार्म में एहतियात के तौर पर दवा का भी छिड़काव किया जा रहा था, यहां प्रवेश वर्जित कर दिया गया था. राजकीय कुक्कुट क्षेत्र के स्टोर कीपर चंद्रभूषण प्रसाद ने बताया कि यहां कड़कनाथ और रोड आइलैंड रेड अमेरिकन प्रजाति की मुर्गियां हैं. दोनों प्रजातियों की मुर्गियों की मौत हुई है. दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है. मृत मुर्गों को जमीन खोदकर दबा दिया जा रहा है.


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