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बिना बिजली के आ रहे बिल, ग्रामीण हो रहे परेशान

jantaserishta.com
9 Dec 2021 2:21 AM GMT
बिना बिजली के आ रहे बिल, ग्रामीण हो रहे परेशान
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डिंडौरीः मध्य प्रदेश के जिले में बिजली विभाग की लापरवाहियों का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. मामला डिंडौरी जिले से जुड़ा हुआ है, क्योंकि जिले के कई गांव ऐसे हैं बिजली तो नहीं पहुंची है लेकिन बिजली का बिल हर महीने जरूर पहुंच रहा है. जिसकी शिकायत इन ग्रामीणों ने बिजली विभाग में की है. यहां के लोगों को सौभाग्य योजना में हुए घोटाले का खामियाजा उठाना पड़ रहा है.

घरों में बिजली कनेक्शन के बिना बिजली बिल आने से ग्रामीण हैरान और परेशान हैं और उन्होंने इस बात की शिकायत बिजली विभाग के अधिकारियों से लेकर जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से भी की है. लेकिन अब तक किसी भी ने उनकी सुध नहीं ली है. हैरान करने वाली बात यह है की बिना बिजली वाले दर्जनों ग्रामीणों के घरों पर पिछले एक साल से बिजली का बिल हर महीने पहुंच रहा है और बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सबकुछ जानते हुये भी अंजान बने बैठे हैं. इस मामले में कोई कुछ भी कहने से बच रहा है.
डिंडौरी जिले के गोपालपुर से लगे सरई टोला में रहने वाले जयसिंह के घर के आसपास न तो बिजली के खंभे लगे हुए हैं और न ही उनके यहां कोई मीटर लगा हुआ है. बावजूद इसके बिजली विभाग पिछले एक साल से हर महीने बिजली का बिल भेज रहा है. जयसिंह के बिजली का बिल सितंबर 2021 महीने तक 2123 रूपये हो चुका है. ग्रामीण जय सिंह की बेटी दीपा ने बताया की वो कैरोसीन का दीपक बनाकर किसी तरह अंधेरे में गुजर बसर कर लेते हैं. दीपा ने यह भी बताया की बिजली विभाग का कर्मचारी उपसरपंच के घर में उनका बिजली बिल छोड़कर चला जाता है जो उन्हें बाद में मिल जाता है.
गोपालपुर से ही लगे खुर्री टोला में रहने वाले कई ग्रामीण भी इसबात से परेशान हैं की उनके घरों में बिजली के नाम पर कुछ भी नहीं है बावजूद इसके बिजली विभाग उन्हें हर महीने बिजली का बिल जरूर भेज रहा है. खुर्री टोला में रहने वाले झनक लाल नेटी ने बिजली विभाग पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए बताया की उन्होंने इस बात की शिकायत बिजली विभाग से लेकर जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से भी की है. लेकिन अबतक किसी भी ने उनकी सुध नहीं ली है. देवकरा गांव से लगे वनग्राम टिकरा टोला में बिजली के नाम पर बिजली विभाग के द्धारा करीब तीन साल पहले सिर्फ तीन खंभे गाड़कर छोड़ दिए हैं, लेकिन यहां निवासरत करीब 25 घरों में पिछले एक साल से बिजली का बिल भेजा जा रहा है.
वहीं इस मामले में जब बिजली विभाग के अधिकारी से बात की गई तो रटा रटाया जवाब मिला, मामले की जांच करवाई जाएगी. बोगस बिलों की जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कह कर पल्ला झाड़ रहे है. लेकिन बिना बिजली के बिल आने से ग्रामीण जरूर परेशान हो रहे हैं. क्योंकि उन्हें बिजली तो मिल नहीं रही लेकिन उनके नाम बिल जरूर बन रहे हैं.
दरअसल, पूरा मामला सौभाग्य बिजली घोटाले से जुड़ा हुआ है. यह घोटाला डिंडौरी जिले में भी हुआ था. बिजली कंपनी ने शिकायतों के आधार पर चार जिलों की जांच कराई तो 29 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला मिला. पूर्व क्षेत्र कंपनी को भौतिक जांच में इसके प्रमाण मिले. सबसे ज्यादा नुकसान मंडला और डिंडौरी जिले में हुआ. मंडला में जहां 15 करोड़ रुपये तो डिंडौरी जिले में 8.40 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार मिला है. इसके अलावा सीधी और सिंगरौली में इस योजना पर करोड़ों रुपये का खेल हुआ है. कंपनी ने फिलहाल सिंगरौली छोड़कर शेष 44 अफसरों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है. अक्टूबर तक कंपनी तय करेगी कि 29 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई किससे की जाएगी. इसी घोटाले का खामियाजा डिंडौरी जिले के ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है.
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