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सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने से जुड़ा विधेयक लोकसभा में पेश, लद्दाख में कांग्रेस नेताओं का विरोध

Deepa Sahu
5 Aug 2021 6:25 PM GMT
सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने से जुड़ा विधेयक लोकसभा में पेश, लद्दाख में कांग्रेस नेताओं का विरोध
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लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के 2 साल पूरे होने के मौके पर नरेंद्र मोदी सरकार ने लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के प्रयासों को और तेज कर दिया है।

लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के 2 साल पूरे होने के मौके पर नरेंद्र मोदी सरकार ने लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के प्रयासों को और तेज कर दिया है। लोकसभा में बृहस्पतिवार को 'केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया गया जिसमें संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रावधान किया गया है। लद्दाख में प्रस्तावित केंद्रीय विश्वविद्यालय का नाम 'सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय' रखने का प्रस्ताव इसमें किया गया है। लद्दाख में इस विश्वविद्यालय को बनाने का मूल उद्देश्य है कि यहां उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिल सके। 22 जुलाई को केंद्रीय कैबिनेट ने लद्दाख में सिंधु यूनिवर्सिटी बनाने पर अपनी मुहर लगाई थी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सदन में विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के बीच 'केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया। इस दौरान, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के सदस्य एन. के. प्रेमचंद्रन और कांग्रेस के मनीष तिवारी ने हंगामे के बीच विधेयक पेश किये जाने का विरोध किया। प्रेमचंद्रन ने कहा कि सदन में व्यवस्था बनने पर ही विधेयक पेश होना चाहिए। तिवारी ने कहा कि सदन में अव्यवस्था के बीच विधेयक पेश किया जाना असंवैधानिक है।

लद्दाख में प्रस्तावित यूनिवर्सिटी का नाम सिंधु सेंट्रल यूनिवर्सिटी रखने के पीछे भी एक खास वजह है। इस विश्वविद्यालय का नाम सिंधु नदी के नाम पर रखा गया है। यह नदी भारत और पाकिस्तान दोनों में बहती है। केंद्र सरकार ने यूनिवर्सिटी के लिए जानबूझकर ऐसे नाम का चयन किया है जो न सिर्फ लद्दाख बल्कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान समेत पूरे जम्मू-कश्मीर का भी प्रतिनिधित्व करे। साल 2020 में स्वतंत्रता दिवस के दिन अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में एक नये केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की बात कही थी। जिसके बाद इस दिशा में अब एक और बड़ा कदम उठाया गया है। सूत्र बताते हैं कि लद्दाख में प्रशासन ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए करीब 110 एकड़ जमीन की पहचान कर ली है। यह जमीन लेह और करगिल के बीच स्थित एक गांव खाल्टसी में है। इस विश्वविद्यालय को बनाने में 750 करोड़ रुपए की लागत आने की बात कही गई है।
आपको बता दें कि इस विश्वविद्यालय का पहला चरण चार वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि 'केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 विभिन्न राज्यों में शिक्षा और अनुसंधान के लिये विश्वविद्यालयों की स्थापना करने और उन्हें निगमित करने तथा उससे संबंधित विषयों को अधिनियमित करने का उपबंध करने के लिये बनाया गया था। इसमें कहा गया है कि लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र में कोई केंद्रीय विश्वविद्यालय नहीं है, इसलिए सरकार ने लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र में एक नया केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का निश्चय किया है। विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि इससे क्षेत्र में उच्च शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकेगा।


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