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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
मुंबई: बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई का मुद्दा देशभर में छाया हुआ है। लोग इस पर प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि इस मामले के दोषियों को उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के बाद रिहा किया गया, लेकिन किसी अपराध के आरोपियों को इस तरह सम्मानित किया जाना गलत है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्य को सही नहीं ठहराया जा सकता है।
दरअसल, महाराष्ट्र के भंडारा जिले में एक महिला के कथित यौन उत्पीड़न की घटना पर राज्य विधान परिषद में हुई चर्चा का जवाब देते हुए फडणवीस ने कहा कि सदन में बिलकिस बानो के मुद्दे को नहीं उठाया जाना चाहिए। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि आरोपियों को करीब 20 साल बाद और जेल में 14 साल बिताने के बाद रिहा किया गया है। उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के बाद रिहाई की गई है।
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि लेकिन यदि किसी आरोपी को सम्मानित किया जाता है और उसका स्वागत किया जाता है तो यह गलत है। आरोपी तो आरोपी होता है और इस कृत्य को जायज नहीं ठहराया जा सकता है। इसके अलावा फडणवीस ने भंडारा जिले हुई दुष्कर्म की घटना को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों को नए सिरे से संवेदनशील बनाए जाने की कोशिश की जाएगी।
बता दें कि गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार करने और बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को 15 अगस्त को गुजरात सरकार द्वारा रिहा किया गया था। गुजरात में भाजपा सरकार द्वारा माफी नीति के तहत उनकी समय पूर्व रिहाई की अनुमति दिए जाने के बाद गोधरा की जेल से निकले दोषियों का माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया गया था।
दोषियों का इस तरह स्वागत होना देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। उधर बिलकिस बानो के परिवार का भी बयान रिहाई के मामले पर आया है। उनका कहना है कि सरकार के इस फैसले के बाद उनके बीच डर का माहौल है। उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले से पहले उनके परिवार को भी इस बारे में कुछ नहीं बताया गया।
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