भारत
बीजापुर नक्सली हमला: नक्सलियों के शिकंजे में कैद CRPF जवान रकेश्वर सिंह, परिजनों और लोगों ने हाईवे किया जाम, जल्द रिहाई की लगा रहे गुहार
jantaserishta.com
7 April 2021 7:45 AM GMT
x
ANI
जम्मू-कश्मीर के रहने वाले सीआरपीएफ के जवान राकेश्वर सिंह को नक्सलियों द्वारा अगवा करने के बाद उनको रिहा कराने की मांग को लेकर उनके परिजनों और स्थानीय लोगों द्वारा जम्मू-अखनूर हाईवे को बंद कर दिया गया है। उनके परिवार का आरोप है कि वह जब भी सीआरपीएफ के अधिकारियों से बात करने की कोशिश करते हैं उन्हें यह कहकर टाल दिया जाता है कि वह किसी कांफ्रेंस में हैं या फिर किसी उच्च स्तर की बैठक में हैं।
उनका कहना है कि उन्हें सीआरपीएफ की तरफ से कोई राकेश्वर की कोई जानकारी नहीं मिली है। परिवार और अन्य स्थानीय लोगों का कहना है कि वह तब तक हाईवे से नहीं उठेंगे जब तक कोई बड़ा अधिकारी उनसे मिलने नहीं आ जाता और उनकी बात नहीं सुन लेता।
वहीं लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर अगले एक घंटे तक उनकी मांग नहीं सुनी गई तो वह केवल जम्मू-अखनूर हाईवे ही नहीं बल्कि पूरे जम्मू को बंद कर देंगे। इस प्रदर्शन के दौरान भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
परिवार का आरोप था कि विंग कमांडर अभिनंदन को तो सरकार ने दो दिन में छुड़वा लिया था तो राकेश्वर के लिए सरकार मौन किस वजह से है। उनका कहना है कि अभिनंदन एक अफ्सर थे और राकेश्वर केवल एक सिपाही थे इसी वजह से उनके साथ सरकार द्वारा भेदभाव किया जा रहा है।
खौड़ की पंचायत पगांली के लोगों ने मंगलवार को सरपंच पठान सिंह मनहास के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराज्यपाल से मांग की है। अमर उजाला से बात करते हुए सरपंच ने बताया कि राकेश्वर सिंह का परिवार पंचायत पगांली से लगभग 22 साल पहले जम्मू चला गया। उनका पंचायत में आना जाना रहता है।
नक्सलियों द्वारा अगवा किए गए सीआरपीएफ के जवान राकेश्वर सिंह को रिहा कराने को लेकर खौड़ की पंचायत पगांली के लोगों ने मंगलवार को सरपंच पठान सिंह मनहास के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराज्यपाल से मांग की है। अमर उजाला से बात करते हुए सरपंच ने बताया कि राकेश्वर सिंह का परिवार पंचायत पगांली से लगभग 22 साल पहले जम्मू चला गया। उनका पंचायत में आना जाना रहता है।
सरपंच ने कहा कि हमारी पूरी पंचायत राकेश्वर के परिवार के साथ खड़ी है। भगवान से यही दुआ कर रही है कि वह सकुशल वापस घर लौट आएं। वहीं पंचायत निवासी और जवान राकेश्वर के बचपन के दोस्त रिंकू खजूरिया ने बताया कि जब से यह खबर गांव में पहुंची है तब से पूरा गांव सदमे में है। परिवार के साथ राकेश्वर की सलामती तथा सकुशल लौटने की दुआ कर रहा है। सभी लोगों की निगाहें खबरों पर हैं कि कब अच्छी खबर आए और नक्सलियों के चंगुल से राकेश्वर सिंह रिहा हो गए।
jantaserishta.com
Next Story