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बिहार का नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्य रैंकिंग में खराब प्रदर्शन

Apurva Srivastav
5 Jun 2021 6:07 PM GMT
बिहार का नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्य रैंकिंग में खराब प्रदर्शन
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नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य भारत सूचकांक 2020-21 में बिहार के सबसे खराब प्रदर्शन को लेकर प्रदेश की राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है

नीति आयोग (NITI Aayog) के सतत विकास लक्ष्य (SDG) भारत सूचकांक 2020-21 में बिहार (Bihar) के सबसे खराब प्रदर्शन को लेकर प्रदेश की राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है. मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी इस रिपोर्ट के बहाने जहां लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर निशाना साध रही है. वहीं शनिवार को जदयू ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य के दर्जे का पुराना राग छेड़ दिया है.

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (Rashtriya Lok Samta Party) जदयू का दामन थाम चुकी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ((Former Union Minister Upendra Kushwaha) ने कहा कि नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट इसके प्रमाण हैं कि बिना विशेष राज्य का दर्जा मिले अन्य राज्यों की बराबरी संभव नहीं है.
जदयू ने मांगा विशेष राज्य का दर्जा
जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा कि "बिहार-झारखंड विभाजन के बाद से ही प्रदेश में प्राकृतिक संपदाओं का अभाव है. बिहारवासियों पर प्राकृतिक आपदाओं के लगातार दंश के बावजूद नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार अपने कुशल प्रबंधन से प्रदेश में विकास की गति देने में लगी है. उन्होंने कहा कि फिलहाल अन्य प्रदेशों की बराबरी संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि, "नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट इसका सबूत है. कुशवाहा ने आगे कहा कि 'बिहार को विशेष राज्य का दर्जा' देने की जदयू की सालों से पड़ी लंबित मांग पर विचार करें और बिहारवासियों को न्याय दें.
विकास कार्यों में बिहार काफी पीछे
बता दें कि नीति आयोग की ओर से गुरुवार को सतत विकास लक्ष्यों के लिए सूचकांक के साथ रिपोर्ट जारी की है. इसमें 75 अंक के साथ केरल सबसे ऊपर रहा. जबकि बिहार का स्थान सबसे नीचे रहा. वहीं नीति आयोग की रिपोर्ट सामने आने के बाद बिहार की हर जगह आलोचना हो रही है. आरजेडी के नेता इस रिपोर्ट को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं.


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