बिहार। बेतिया में एमडीएम खाने से बीमार पड़े बच्चों के अभिभावक शनिवार को विद्यालय पहुंच कर वहां जमकर बवाल काटा। विद्यालय के समीप काफी देर से अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। अभिभावकों ने शिक्षकों और विद्यालय की व्यवस्था पर कई गंभीर आरोप लगाये। ग्रामीणों ने भोजन के गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस खाना को बच्चों को देने से पहले शिक्षक लोग इस खाना को क्यों नहीं खाते। ग्रामीणों ने का कहना है कि मिड डे भोजन से बच्चे बीमार हुए हैं इसकी जिम्मेदारी इन शिक्षकों की नहीं है तो किसकी है। उन्होंने कहा कि शिक्षक विद्यालय पहुंचे या नहीं पहुंचे यह जांच करने के साथ साथ विद्यालय में किस तरह का खाना दिया जा रहा है इस बात की भी जांच केके पाठक को करनी चाहिए।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर विद्यालय के शिक्षक एमडीएम को चखते तो आज हमारे बच्चों की तबीयत खराब नहीं होती है। जब सरकार का आदेश है कि एमडीएम को शिक्षकों के द्वारा चख कर उसे चखनी पंजी पर लिखना है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। किसी शिक्षक ने एमडीएम भोजन को चखने की जहमत नहीं उठाई। एमडीएम भोजन सीधे हमारे बच्चों को परोसा गया जिसे खाकर सभी बच्चे बीमार पड़ गए। अभिभावकों ने कहा कि यह शिक्षकों की घोर लापरवाही है।
ग्रामीणों के द्वारा विद्यालय पर हंगामा करने की सूचना मिलते ही मझौलिया थाने की पुलिस भी विद्यालय पहुँच गई और लोगों को समझाबुझा कर मामला शांत करने की कोशिश कर रही है, लेकिन इस घटना से भड़के ग्रामीण उनकी बातों को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। ग्रामीणों की मांग है कि इस मामले में जो भी लोग दोषी हैं उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो और उचित कार्रवाई की जाय। अभिभावक शिक्षकों पर कार्रवाई को लेकर जिद पर अड़े हुए हैं। घटना मझौलिया थाना क्षेत्र के परसा पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय परसा बाबू टोला की है।