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4 वर्ष से चले आ रहे प्रेम को आखिर मिल ही गई मंजिल, दृष्टिबाधित बने दूल्हा-दुल्हन, लिए सात फेरे
jantaserishta.com
10 Nov 2022 10:26 AM GMT
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कहा जाता है कि जोड़ियां उपर से ही तय होती हैं।
गया (आईएएनएस)| कहा जाता है कि जोड़ियां उपर से ही तय होती हैं। आमतौर पर देखा जाता है कि सुंदरता के कारण ही लड़के लड़कियां एक दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन बिहार के गया में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां लड़के लड़कियां एक दूसरे को भले नहीं देख सके, लेकिन दोनों का प्यार ऐसा परवान चढ़ा कि अंत में दोनो सात जन्मों के बंधन में बंध गए।
गया जिले के शेरघाटी कोर्ट परिसर के मंदिर में दृष्टिबाधित नीरज और दृष्टिबाधित कौशल्या परिणय सूत्र में बंध गए। आज यह शादी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। युवक-युवती इमामगंज प्रखंड के दो अलग-अलग गांव के हैं।
बताया जाता है कि दोनों के बीच करीब चार साल से प्रेम संबंध चल रहा था।
शादी से खुश ²ष्टिबाधित कौशल्या कुमारी बताती हैं कि चार वर्ष पूर्व भलुहारा स्थित कस्तूरबा स्कूल में ब्रेल लिपि से पढ़ाई करती थी। उसी दौरान नीरज से उनकी मुलाकात हुई। नीरज भी वहीं पढ़ाई करता था।
पहले दोनों में दोस्ती हुई, लेकिन बाद में यह प्यार में बदल गया। इस बीच नीरज दिल्ली कमाने चला गया। वहां उसे किसी प्राइवेट फर्म में काम मिल गया। वह वहीं काम करने लगा। लेकिन, दोनों के बीच प्यार में कोई कमी नहीं आई।
इस दौरान दोनों ने शादी करने का निर्णय ले लिया। इसके बाद दोनों ने अपने-अपने घरवालों को राजी करना शुरू किया। नीरज के घरवालों ने नीरज के ²ष्टिबाधिति होने की वजह से शादी के लिए तैयार नहीं हुए और वे इस रिश्ते का विरोध करने लगे। लेकिन नीरज नहीं माना।
इस बीच कौशल्या अपनी अभिभावकों को शादी के लिए तैयार कर ली। सोमवार को दोनों शेरघाटी कोर्ट में पहुंचे और मंदिर में शादी रचा ली। शादी के वक्त कौशल्या की ओर से उसके घरवाले मौके पर मौजूद थे।
नीरज का कहना है कि वह इतना कमा लेता है कि एक परिवार का खर्च चला सके। उसका कहना है कि वह अपनी दुल्हिनया को दिल्ली ले जाएगा। वहीं कौशल्या का कहना है कि वह इस शादी से काफी खुश है।
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