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बिहार: भोजपुर में पंचायत चुनाव के दौरान हार्ट अटैक आने से एक वोटर की मौत

Admin4
29 Sep 2021 6:38 PM GMT
बिहार: भोजपुर में पंचायत चुनाव के दौरान हार्ट अटैक आने से एक वोटर की मौत
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भोजपुर में हार्ट अटैक आने से एक वोटर की मौत हो गई है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- भोजपुर में हार्ट अटैक आने से एक वोटर की मौत हो गई है. मतदाता की पहचान पिटरों गांव के वार्ड नंबर नौ के निवासी रामेश्वर महतो के रूप में हुई है.बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के दूसरे चरण के लिए सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हुआ. इसी दौरान भोजपुर में हार्ट अटैक (Voter dies of heart attack) आने से एक वोटर की मौत हो गई है. वोटर यहां मतदान करने पहुंचा था. मृतक मतदाता की पहचान पिटरों गांव के वार्ड नंबर नौ के निवासी रामेश्वर महतो के रूप में हुई है. तो वहीं भोजपुर जिले में कई जगहों से बायोमेट्रिक सिस्‍टम खराब होने की भी खबरें आईं. हालांकि इसकी वजह से मतदान प्रभावित नहीं हुआ.

दूसरे चरण में 34 जिलों के 48 प्रखंडों में वोट डाले गए, मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी लाइन नजर आईं. आज जिउतिया का निर्जला उपवास था, इसके बावजूद महिलाओं की सहभागिता देखते बन रही थी. राज्य निर्वाचन आयोग ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए. कड़ी सुरक्षा के बावजूद छुटपुट घटनाएं सामने आईं. मतदान के दौरान कहीं-कहीं विवाद और हंगामा की सूचना पर पुलिस अपना काम करती दिखी.
खटिया पर लेट कर मतदान करने पहुंची महिला
नवादा के महुलियाटांड में चलने-फिरने में लाचार महिला प्यारी देवी को उनके घर के लोग खाट पर लिटा कर वोट दिलाने गए. प्यारी देवी का पैर टूट गया है. महुलियाटांड नक्सल प्रभावित इलाका है. इसके बावजूद वोटर का उत्साह तारीफ के काबिल रहा. 2009 में यहां रैदास जयंती के दिन आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में नक्सलियों ने कौआकोल थानाध्यक्ष समेत 11 पुलिसकर्मियों को गोलियों से भून दिया था.
तो वहीं पूर्वी चंपारण के फेनहारा के रुपौलिया में मतदान केंद्र संख्या 48 पर फर्जी मतदान रोकने की वजह से जमकर झड़प हुई. इस दौरान वहां कुछ लोगों ने एक पुलिसकर्मी की पिटाई कर दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी और भीड़ को तितर-बितर कर दिया. पुलिस ने यहां नारायण पांडेय नामक युवक को हिरासत में लिया है.
नवादा जिले में वोटरो का उत्साह देखते बन रहा था. लोग कौआकोल प्रखंड में जंगल, पहाड़ पार कर 10 किलोमीटर की दूरी तय करके वोटिग करने पहुंचे. इतनी दूरी पर मतदान केंद्र बनाए जाने की वजह उग्रवाद प्रभावित दनिया गांव का बूथ पचंबा में स्थानांतरित किया जाना है.


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