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नेपाल में बारिश से उत्तर बिहार में बाढ़ का संकट गहराने लगा है। चम्पारण से लेकर सीतामढ़ी और मिथिलांचल तक नेपाल से आने वाली नदियां तबाही मचा रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नेपाल में बारिश से उत्तर बिहार में बाढ़ का संकट गहराने लगा है। चम्पारण से लेकर सीतामढ़ी और मिथिलांचल तक नेपाल से आने वाली नदियां तबाही मचा रही है। वाल्मीकिनगर बराज से सोमवार शाम चार बजे गंडक नदी में 3.53 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे गंडक का पानी बगहा, बेतिया से लेकर मोतिहारी के नये इलाके मेंं प्रवेश कर रहा है। बगहा में रविवार की देर शाम मुनादी के बाद नदी से सटे इलाके के लोग ऊंचे स्थान पर शरण लिए हैं।
गंडक की बाढ़ से बैरिया के मसान ढाब में दर्जनभर से ज्यादा घर नदी में विलीन हो चुके हैं। लौरिया में सिकरहना का बढ़ना जारी है। इससे लौरिया-नरकटियागंज के अलावा लौरिया-रामनगर, नरकटियागंज-बेतिया सड़क पर भी आवागमन ठप होने का खतरा मंडराने लगा है। पूर्वी चम्पारण में अरेराज-हाजीपुर एसएच के बाद अब अरेराज- गोविंदगंज सड़क पर भी गंडक का पानी चढ़ गया है। गंडक, सिकरहना, बागमती में उफान से जिले के आठ प्रखंडों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दायरा बढ़ रहा है।
सीतामढ़ी में सुप्पी-रीगा पथ पर बाढ़ का पानी चढ़ने से आवागमन मुश्किल हो रहा है। एनएच 104 के कुम्मा डायवर्सन, बेलसंड-सीतामढ़ी पथ पर कोठी चौक से भोरहा तक और बेलसंड धनकौल पथ सौली तक पहले से डूबी है। दरभंगा के सिंहवाड़ा प्रखंड क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में बागमती कहर बरपा रही है। घनश्यामपुर प्रखंड के निचले इलाके के लोग पहले से बाढ़ की पीड़ा झेल रहे हैं। समस्तीपुर में गंगा के जलस्तर में18 घंटों में 11 सेंमी की वृद्धि दर्ज की गई है। गंगा खतरे के निशान से 55 सेंटीमीटर ऊपर है। बूढ़ी गंडक भी खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी है। वहीं सिंघिया में कमला, करेह तबाही मचा रही है।
रामनगर के इमरती कटरहवा में टूटा मसान नदी का बांध
पश्चिम चम्पारण में जिले में गंडक, सिकरहना समेत पहाड़ी नदियों के उफान में आधा दर्जन सड़कों समेत दर्जनों घर पानी में समा गए। लोग बाढ़ से बचने के लिए सड़कों पर शरण ले रहे हैं। रामनगर के इमरती कटरहवा में मसान का बांध टूट गया है। मसान के पानी के दबाव से दोन केनाल के दोनों तटबंध क्षतिग्रस्त हो गए हैं। रामनगर-वाल्मीकिनगर सड़क को तीन सौ फीट में नदी ने काट लिया है। इधर, गंडक का पानी वाल्मीकिनगर, बगहा, पिपरासी, बैरिया, नौतन के निचले इलाकों में पानी प्रवेश कर गया है। लौरिया में सिकरहना का पानी लौरिया-नरकटियागंज पथ पर अशोक स्तंभ के पास डायवर्सन पर ढाई फीट पानी बह रहा है। पानी बढ़ने की रफ्तार यही रही तो लौरिया- रामनगर, बेतिया-नरकटियागंज, बेतिया-मैनाटांड़ पथ पर पानी चढ़ जाएगा और आधा दर्जन प्रखंडों का जिला मुख्यालय से संपर्क भंग हो जाएगा। बगहा दो की अवसौनी पंचायत के बांसगांव में तिरहुत नहर का तटबंध टूट गया। इसका पानी बांसगांव में घुस गया है। बगहा में मैनहा- कोनई सड़क कोशिल नदी की चपेट में आई गई। इससे सौ मीटर में सड़क पूरी तरह से बह गई।
एसएच के बाद अरेराज- गोविंदगंज पथ पर चढ़ा गंडक का पानी
पूर्वी चम्पारण के आठ प्रखंडों में बाढ़ का पानी तबाही का कारण बना है। अरेराज प्रखंड की छह पंचायतों में बाढ़ के कारण कई परिवार पलायन कर रहे हैं। अरेराज- गोविंदगंज पथ पर तीन फीट पानी बह रहा है। संग्रामपुर में एसएच 74 पर दूसरे दिन भी बाढ़ का पानी बह रहा है। बाढ़ से पुछारिया गांव घिर गया है। बंजरिया की छह और केसरिया की कई पंचायत में बाढ़ तबाही मचाने लगी है। सुगौली प्रखंड के दो दर्जन गांव बाढ़ से घिर गए हैं। चिरैया प्रखंड के भी निचले इलाके में पानी फैलने लगा है। इधर, सोमवार शाम मधुबन- गंगापुर सड़क पर बागमती का पानी चढ़ने से आवागमन में परेशानी हो रही है। डुमरियाघाट व चटिया में गंडक तो लालबकेया गुवाबारी में बूढ़ी गंडक लाल निशान के पार है। मोतिहारी-शिवहर सड़क पर तीसरे दिन भी आवागमन ठप रहा।
मधुबनी के मधेपुर में घरों में घुसा कोसी का पानी
मधुबनी के मधेपुर में तटबंध के अंदर बसे गांवों के घरों में कोसी का पानी घुसने से स्थिति विकराल होती जा रही है। सोमवार की सुबह भी कोसी बराज से 2.29 लाख पानी छोड़ा गया। वहीं गेहुमां का पानी सुन्दरबिराजित, बाथ सहित अन्य पंचायत में फैल रहा है। बाबूबरही के भटचौरा मोहरी टोल गांव धौरी नदी के पानी से घिर गया है। धौस नदी की बाढ़ से बिस्फी के 90 प्रतिशत भूभाग में जलजमाव हो गया है। तीसरी बार आयी बाढ़ ने यहां के किसानों और पशुपालकों की कमर तोड़ दी है। क्षेत्र के बलहा, कटैया, छोरैहिया, कमलाबाड़ी, रथोस, बिस्फी, भैरबा, दमला, सिंगिया, रघौली आदि गांव बाढ़ से घिरे हैं। बलहा गांव पांच हजार की आबादी पांच महीने से घरों में कैद है। नाव के सहारे लोगों की जिंदगी कट रही है।
सुप्पी-रीगा पथ पर चढ़ा बागमती नदी का पानी
सीतामढ़ी। बागमती व अधवरा समूह की नदियों के लाल निशान के ऊपर बहने से जिले के नये इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश कर रहा है। सुप्पी-रीगा पथ पर बागमती का पानी चढ़ गया है। जिले के सात प्रखंड की तीन दर्जन से अधिक पंचायतें बाढ़ से प्रभावित है। सुरसंड नगर पंचायत सहित 15 पंचायत के चार दर्जन गांव गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। लखनदेई नदी का जलस्तर बढ़ने से सीतामढ़ी शहर के निचले इलाके में पानी प्रवेश कर रहा है। बाजपट्टी के आधा दर्जन गांव मरमहा नदी के पानी से प्रभावित हैं। चोरौत की पांच व पुपरी की दो पंचायतों में बाढ़ का पानी फैल गया है। बेलसंड में मनुषमरा नदी का पानी तबाही मचा रहा है। कुम्मा डायवर्सन के अलावा बेलसंड-सीतामढ़ी बेलसंड-धनकौल सड़क पर तीन फीट पानी बह रहा है। मारर-छपरा रोड में डायवर्सन पर पानी चढ़ जाने से लोग निजी नाव से पार कर रहे हैं।
सिंहवाड़ा में बागमती और घनश्यामपुर में कमला से तबाही
दरभंगा से गुजरने वाली बागमती एवं अधवारा समूह की नदियों का जलस्तर इस वर्ष के उच्चतम बिंदु को पार कर गया है। इससे दरभंगा के जाले, केवटी, सिंहवाड़ा, हनुमाननगर एवं हायाघाट प्रखंड में बाढ़ की स्थिति और गंभीर होने की आशंका है। इधर, बागमती की बाढ़ से सिंहवाड़ा के आधा दर्जन गांव चारों ओर पानी से गिर गए हैं। हरपुर बुनियादी विद्यालय तक जाने वाली मुख्य सड़क पर पानी की तेज धारा बहने लगी है। कमला-बलान के जलस्तर में कमी के बावजूद राहत नहीं है। घनश्यामपुर प्रखंड के डूब क्षेत्र में बसे गांवों में बाढ़ की तबाही अब भी जारी है। लोगों को आवश्यक सामान के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है।
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