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निजी स्कूल में नामांकन लेना छात्रों के लिए महंगा पड़ गया। अब राष्ट्रीय आय सह मेधा छात्रवृत्ति (एनएमएमएसएस) से बिहार के 567 छात्र वंचित रह जाएंगे।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | निजी स्कूल में नामांकन लेना छात्रों के लिए महंगा पड़ गया। अब राष्ट्रीय आय सह मेधा छात्रवृत्ति (एनएमएमएसएस) से बिहार के 567 छात्र वंचित रह जाएंगे। इन छात्रों ने एनएमएमएसएस का फॉर्म भरा। परीक्षा भी दी। छात्रवृत्ति परीक्षा पास भी हो गये लेकिन अब इन छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पायेगी क्योंकि जब जांच की गयी तो पता चला कि ये छात्र निजी स्कूल में नामांकित हैं। ऐसे में छात्रों को अब छात्रवृत्ति से वंचित रहना पड़ेगा।
ज्ञात हो कि एनएमएमएसएस में सरकारी स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को दी जाती है। यह छात्रवृति नौवीं से 12वीं तक के लिए सालाना 12 हजार रुपये दिए जाते हैं लेकिन उन्हीं छात्रों को जो नौवीं से 12वीं बिहार बोर्ड से पढ़ाई की हो। कई बार ऐसा होता है कि छात्र सरकारी स्कूल में पढ़ने का नकली प्रमाण पत्र देकर छात्रवृति परीक्षा में शामिल होते हैं। जब छात्रवृति लेने की बारी आती है तो वो पकड़ में आते हैं। एससीईआरटी द्वारा हर साल ऐसे छात्रों को पकड़ा जाता है जो नौंवी में निजी स्कूल में नामांकन ले लेते हैं।
वहीं, कई छात्र मैट्रिक करने के बाद 11वीं में निजी स्कूल में नामांकन ले लेते हैं। ऐसे छात्र को तुरंत इस छात्रवृति से वंचित किया जाता है। क्योंकि छात्रवृति की सालाना राशि हर साल दी जाती है। देने से पहले छात्र से सरकारी स्कूल में पढ़ने का प्रूव लिया जाता है। ऐसे में हर साल सौ से दो सौ छात्र पकड़ में आते हैं।
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कोटा नहीं कर पाते बिहार के छात्र पूरा: इस छात्रवृति पाने के लिए बिहार का कोटा 5433 है लेकिन यह कोटा किसी भी साल भर नहीं पाता है। एससीईआरटी के अनुसार 2021 में 33 हजार 684 छात्रों ने इस छात्रवृत्ति के लिए आवेदन भरा था लेकिन मात्र 4806 छात्र ही सफल हो पाये थे। वहीं, इसमें 567 छात्र निजी स्कूल होने के कारण वंचित रह गये। यह स्थिति कोई इस साल की नहीं बिहार का कोटा हर साल खाली रह जाता है।
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