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सबसे बड़ी छापेमारी: 257 करोड़ कैश और बेहिसाब सोना मिलने के बाद पीयूष जैन गिरफ्तार, जानबूझकर खटारा गाड़ी से चलता था, और...

jantaserishta.com
27 Dec 2021 6:45 AM GMT
सबसे बड़ी छापेमारी: 257 करोड़ कैश और बेहिसाब सोना मिलने के बाद पीयूष जैन गिरफ्तार, जानबूझकर खटारा गाड़ी से चलता था, और...
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कानपुर: कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. करोड़ों रुपये कैश मिलने के बाद अब उनके पैतृक आवास पर भी छापेमारी चल रही है. डीजीजीआई की टीम के साथ एसबीआई की भी एक टीम नोट गिनने की तीन मशीनें लेकर वहां पहुंची है.

रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसियों को चकमा देने के लिए खटारा गाड़ी से चलने वाले पीयूष जैन के ठिकानों पर सोमवार की शाम तक नोटों की गिनती चलेगी जिसके बाद देर रात कुल कितनी रकम बरामद की गई है उसकी जानकारी सामने आएगी.
वहीं दूसरी तरह इत्र कारोबारी पीयूष जैन को मेडिकल चेकअप के लिए उर्सुला अस्पताल ले जाया गया है. मेडिकल चेकअप के बाद उनकी कानपुर कोर्ट में पेशी होगी. बता दें कि रात भर डीजीजीआई की टीमों ने गुप्त स्थान पर पीयूष जैन को रखकर उनसे पूछताछ की है जिसके बाद सुबह फिर से छापेमारी शुरू हो गई.
एक से डेढ़ साल में बदल देता था चौकीदार
आज तक की पड़ताल में सामने आया है कि पीयूष जैन अपनी कोठी की रखवाली में पुराना चौकीदार भी नहीं रखता था और ना ही कोई घरेलू नौकर था.
1 से डेढ़ साल में वो चौकीदार बदल देता था. आनंदपुरी वाली कोठी में भी उसने सिर्फ दो चौकीदार रखे थे और उन्हें साढ़े 7 हजार महीने की सैलरी मिलती थी. हैरानी की बात ये है कि चौकीदारों को भी घर के अंदर जाने की मनाही थी.
लोगों को चकमा देने के लिए पुरानी कार चलाता था पीयूष जैन
लोगों और एजेंसियों की निगाहों में आने से बचने के लिए अरबों की हैसियत वाला इत्र कारोबारी पीयूष जैन सालों पुरानी खटारा कारों से चलता था.
जानकारी के मुताबिक उसे महंगी गाड़ियों का कोई शौक नहीं था. वो दो पुरानी गाड़ियों को ही चलाता था. 15 साल पुरानी एक टोयोटा कार बेटे प्रत्यूष के नाम पर खरीदी थी जो कन्नौज में रजिस्टर्ड थी.
पीयूष जैन की दूसरी गाड़ी वॉक्सवैगन की है जो 7 साल पुरानी है और उसका इंश्योरेंस भी डेढ़ साल पहले नवंबर 2020 में खत्म हो चुका है.
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