सोर्स न्यूज़ - आज तक
यूपी। BSP के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके गनर की फायरिंग और बमबारी करके हत्या कर दी गई है. एक अन्य गनर घायल भी है, जिसका इलाज चल रहा है. प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में सड़क पर हुए इस शूटआउट से सनसनी फैली हुई है. पीड़ित परिवार का आरोप है कि बाहुबली अतीक अहमद ने ये हत्या करवाई है. वारदात की सूचना मिलते ही भारी संख्या में इलाके में पुलिस की तैनाती कर दी गई है और हमलावरों की तलाश की जा रही है. इस वारदात के सीसीवीटी फुटेज भी सामने आ गए हैं.
गौरतलब है कि उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह थे. शुक्रवार को वो पेशी करके घर जा रहे थे. तभी सड़क पर कार रुकते ही घात लगाकर बदमाशों ने हमला कर दिया. पहले उनकी कार और गनर को निशाना बनाया. इसके बाद बमबारी कर दी. इसमें गनर घायल होकर जमीन पर गिर गया और उमेश जान बचाने के लिए घर की ओर भागे. इस दौरान बदमाशों ने उमेश को भी निशाना बनाया.
सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. इसमें अतीक अहमद के दो बेटे एजम और आबान भी शामिल हैं. हत्याकांड के खुलासे के लिए प्रयागराज कमिश्नरेट की 8 पुलिस टीमों को लगाया गया है. उधर, यूपी एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट अतीक अहमद के गुर्गों के साथ-साथ उमेश पाल की पुरानी रंजिश के आरोपियों की जानकारी भी जुटा रही है. इसके साथ ही पुलिस वारदात को अंजाम देने के पैटर्न पर अतीक अहमद के बमबाज गुर्गों को ढूंढ रही है. बेटे की हत्या पर उमेश पाल की मां का कहना है, "गोलियों और बम की आवाज सुनकर हम लोग बाहर की ओर दौड़े थे. आज राजू पाल हत्याकांड में मेरे बेटे की पेशी थी. वो कोर्ट से आया था. तभी उस पर हमला कर दिया गया. इस वारदात को अतीक अहमद ने अंजाम दिलवाया है."
उमेश की मां ने अतीक के साथ ही एक और नाम लिया है. ये नाम है दिनेश पासी का. पुलिस इसकी तलाश कर रही है. उमेश के परिवार में कोहराम मचा हुआ है. भारी संख्या में उमेश पाल के घर के बाहर पुलिस की तैनाती है. इलाके के लोग पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं. बता दें कि यूपी में साल 2004 के आम चुनाव में फूलपुर से सपा के टिकट पर अतीक अहमद को सांसद चुना गया था. इसके बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हो गई थी. इस सीट पर हुए उपचुनाव में सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को टिकट दिया था. लेकिन बसपा ने उसके सामने राजू पाल को खड़ा किया था. इसमें राजू पाल ने अशरफ को हराया था.