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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
मुंबई: शिवसेना सांसद संजय राउत पात्रा चॉल मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। इसके साथ ही राज्य में भी सियासत गर्मा गई है। एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी के नेता राउत से 'हिसाब' देने की बात कह रहे हैं। वहीं, कांग्रेस नेता सांसद के समर्थन में नजर आ रहे हैं और सरकार पर निशाना साध रहे हैं। फिलहाल, राजनीतिक बयानबाजी जारी है, लेकिन जानते हैं कि मामले में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों का क्या कहना है।
पूर्व लोकसभा सांसद और भाजपा नेता किरीट सोमैया ने राउत की गिरफ्तारी को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक से जोड़ दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'संजय पांडे के बाद अब संजय राउत ईडी की हिरासत में हैं। मुझे उम्मीद है कि वह नवाब मलिक के पड़ोसी बनेंगे।' उन्होंने आगे लिखा, 'हिसाब तो देना ही पड़ेगा।'
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 'उन्होंने कहा था कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है। अगर कुछ गलत नहीं किया तो डरना क्यों? उन्होंने यह भी कहा था कि वह जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। तो जांच पूरी होने दें और सच बाहर आने दें।' हालांकि, आज उन्होंने कहा कि सुबह बजने वाला भोंपू बंद हो गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा विपक्ष मुक्त संसद चाहती है इसलिए संजय राउत के खिलाफ कार्रवाई की गई। इधर, अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'संजय राउत ने एक ही अपराध किया है कि वह भाजपा की डराने वाली राजनीति के सामने नहीं झुके। वह मजबूत विश्वास और हिम्मतवाले हैं। हम संजय राउत के साथ हैं।'
भाषा के अनुसार, शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि ED पार्टी के नेता संजय राउत को गिरफ्तार कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि राउत के खिलाफ जारी एजेंसी की कार्रवाई पार्टी को खत्म करने के 'षड्यंत्र' का हिस्सा है।
ED ने रविवार को राउत के आवास पर छापा मारा था। लंबी कार्रवाई के बाद जांच एजेंसी उन्हें दफ्तर ले गई था, जहां देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें सहयोग नहीं करने, आवास पर मिली बेहिसाब नकदी और दस्तावेज मिलने के चलते गिरफ्तार किया गया है।
रविवार को अधिकारियों ने कहा था कि राउत के आवास से 11.50 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी बरामदकी गई है। हालांकि, उनके भाई ने दावा किया है कि पैसा अयोध्या दौरे कि लिए जुटाया गया था। खास बात है कि पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना सांसद दो बार ईडी के समन पर पेश नहीं हुए थे।
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