नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) के एक अधिकारी को सरकारी कर्मचारी से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC) ने दी है। ईडी अधिकारी की गिरफ्तारी बड़े नाटकीय ढंग से हुई। तमिलनाडु पुलिस ने उसे रंगे हाथों पकड़ने के लिए कार से 8 किलोमीटर तक पीछा किया। डिंडीगुल में हिरासत में लिए जाने के बाद डीवीएसी अधिकारियों के एक दल ने मदुरै में उप-क्षेत्र ईडी कार्यालय में जांच की। इस दौरान राज्य पुलिसकर्मी केंद्र सरकार के कार्यालय के बाहर तैनात थे। डीवीएसी की आधिकारिक विज्ञप्ति में गिरफ्तार अधिकारी की पहचान अंकित तिवारी के रूप में की गई है, जो केंद्र सरकार के मदुरै प्रवर्तन विभाग कार्यालय में प्रवर्तन अधिकारी के रूप में कार्यरत है।
DAVC अधिकारियों के अनुसार, अंकित तिवारी ने ईडी ऑफिसर्स के साथ अपनी एक टीम बनाई थी। वह लोगों को धमकाता था और उनसे रिश्वत ऐंठता था। तिवारी संदिग्ध आरोपियों को इस बात का आश्वासन भी देता था कि ED में उनके खिलाफ दर्ज केस को बंद करवा देगा। रिपोर्ट के मुताबिक, मदुरै में केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में जांच के सिलसिले में डीवीएसी अधिकारी पहुंचे। इस दौरान भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों को अधिकारियों की सुरक्षा के लिहाज से तैनात किया गया था। डीवीएसी अधिकारियों ने आरोपी अंकित तिवारी को डिंडीगुल में 20 लाख नकद के साथ पकड़ा। अधिकारी पर लगातार नजर रखी जा रही थी ताकि उसे घूस लेते हुए पकड़ा जा सके।
अंकित तिवारी 2016 बैच का ऑफिसर है। इससे पहले वह गुजरात और मध्य प्रदेश में भी काम कर चुका है। DVAC चेन्नई की ओर से जारी ऑफिशियल रिलीज के अनुसार, तिवारी केंद्र सरकार के मदुरै प्रवर्तन विभाग कार्यालय में एक इंफोर्समेंट ऑफिसर के रूप में कार्यरत है। अक्टूबर में तिवारी ने डिंडीगुल के एक सरकारी डॉक्टर से संपर्क किया। ईडी अधिकारी ने उस जिले में उनके खिलाफ दर्ज विजिलेंस केस के बारे बताया जिसका पहले ही निपटा हो गया था। तिवारी ने डॉक्टर से कहा कि उनके खिलाफ जांच को लेकर प्रधानमंत्री ऑफिस से निर्देश मिला है। अधिकारी ने उनसे 30 अक्टूबर को मदुरै स्थित ईडी ऑफिस में पेश होने के लिए कहा।
डॉक्टर जब मदुरै ऑफिस पहुंचे तो तिवारी ने उनसे रिश्वत की मांग की। ईडी अधिकारी ने कहा कि अगर वे 3 करोड़ रुपये देंगे तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई रोकी जा सकती है। बाद में तिवारी ने कहा, ‘मैंने अपने सीनियर अधिकारियों से बात की है और उनके कहने पर मैं 51 लाख रुपये घूस के तौर पर लेने को तैयार हूं।’ डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने 1 नवंबर को रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर उसे 20 रुपये दिए। इसके बाद तिवारी ने उन्हें कई बार ह्वाट्सऐप पर फोन कॉल्स और मैसेज किए जिसमें उसने कहा कि अगर पूरा पैसा नहीं दिया गया तो फिर नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।
#WATCH | Security officials at the ED sub-zonal office in Madurai locked the office after Tamil Nadu Directorate of Vigilance and Anti-Corruption (DVAC) officials left following searches here in connection with the case involving ED officer Ankit Tiwari, who was caught red-handed… https://t.co/6OCwm9FvQP pic.twitter.com/hx5BlR5aba
— ANI (@ANI) December 2, 2023