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सुप्रीम कोर्ट से बड़ा अपडेट

jantaserishta.com
23 Sep 2022 9:22 AM GMT
सुप्रीम कोर्ट से बड़ा अपडेट
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

याचिका में शराब की बोतलों के पचास फीसदी हिस्से पर वैधानिक चेतावनी छापे जाने की मांग की गई थी.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शराब की बोतलों पर सचित्र चेतावनी (Pictorial Warning) जारी करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है. याचिका में शराब की बोतलों के पचास फीसदी हिस्से पर वैधानिक चेतावनी छापे जाने की मांग की गई थी. सिगरेट और तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों के पैकेट्स की तरह ही शराब की बोतलों पर भी स्वास्थ्य चेतावनी जारी करने का हवाला दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (सीजेआई) यूयू ललित की पीठ के सामने वकील अश्विनी उपाध्याय ने शराब पीने और दवाओं के उत्पादन में उपयोग, वितरण और खपत को निर्धारित करने की मांग की थी.
वकील उपाध्याय ने याचिका में कहा कि इस मामले में थोड़े से हस्तक्षेप से युवाओं को लाभ होगा. उन्होंने कहा कि में केवल ऐसे ड्रिंक्स पर सचित्र चेतावनी का लेबल चाहता हूं क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. शराब पीने पर कोई प्रतिबंध नहीं है.
इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि यह सब नीतिगत मामला है.
सीजेआई ने कहा कि यह सब विचार हैं. कुछ लोग कहते हैं कि कम मात्रा में ली गई शराब स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है लेकिन सिगरेट के साथ ऐसा नहीं है. आप या तो याचिका वापस ले लें या हम इस याचिका को खारिज कर देंगे. इसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली.
बता दें कि इससे पहले 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सिगरेट और तंबाकू के पैकेट के 85 फीसदी हिस्से पर सचित्र चेतावनी जारी करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने दरअसल तंबाकू और सिगरेट के पैकेट्स के 40 फीसदी हिस्से पर वैधानिक चेतावनी जारी करने का फैसला सुनाया था. उच्चतम अदालत ने इसे रद्द कर 85 फीसदी हिस्से पर सचित्र चेतावनी जारी करने का फैसला दिया था.
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