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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
मुंबई: महाराष्ट्र के अमरावती से सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हनुमान चालीसा पाठ से जुड़े मामले में राणा दंपति एक बार फिर मुश्किलों में घिर सकते हैं। दरअसल दंपति इस समय जमानत पर हैं और अब उनकी जमानत रद्द किए जाने की मांग हो रही है। इसको लेकर अदालत 22 अगस्त को फैसला सुनाएगी। उन पर जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप है। इन आरोपों को लेकर मुंबई पुलिस ने कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी करने की मांग की है।
राणा दंपति पर आरोप है कि उन्होंने जमानत को लेकर कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने उनसे कहा था कि वे अपने केस को लेकर मीडिया से बात नहीं करेंगे। लेकिन राणा दंपति कथित तौर पर कोर्ट निर्देशों का उल्लंघन करते पाए गए हैं। अदालत ने गुरुवार को राणा दंपति की दलीलें सुनीं। दंपति ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास पर हनुमान चालीसा का जाप करने की घोषणा की थी। इसके बाद इनके खिलाफ मुंबई पुलिस ने सार्वजनिक अव्यवस्था फैलाने का प्रयास करने के लिए देशद्रोह सहित कई आरोपों के तहत केस दर्ज किया था।
दंपति को 23 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था और 4 मई को जमानत दे दी गई थी। अदालत ने उन्हें जमानत देते समय मामले से संबंधित विषयों पर प्रेस को संबोधित नहीं करने का निर्देश दिया था। अदालत के आदेश में कहा गया है कि शर्तों के किसी भी उल्लंघन पर उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी। विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात ने अदालत को बताया कि रिहा होने के बाद दंपति ने मीडिया को कई इंटरव्यू दिए और मामले पर टिप्पणी की। घरत ने कहा कि इससे उनकी जमानत रद्द हो जानी चाहिए। इंटरव्यू के अंश पढ़ते हुए, घरत ने कहा कि उनके द्वारा की गई सभी टिप्पणियां मामले की विषय-वस्तु पर थीं। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी ने अदालत का अपमान किया है।
राणा दंपत्ति का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील रिजवान मर्चेंट ने इस तर्क से इनकार किया और कहा कि टिप्पणियां मामले से जुड़ी नहीं थीं। उन्होंने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष ने इंटरव्यू के चुनिंदा हिस्सों को उठाया है और अदालत को सभी इंटरव्यू पर समग्रता से विचार करना चाहिए।
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