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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: हरियाणा की सियासत में गैर-जाट चेहरा माने जाने वाले कुलदीप बिश्नोई आज भारतीय जनता पार्टी का दामन थामेंगे. बिश्वोई के बीजेपी की सदस्यता लेने से पहले उनके समर्थक दिल्ली में स्थित भाजपा मुख्यालय के बाहर जमा होने शुरू हो गए हैं.
बिश्वोई ने एक दिन पहले ही 3 अगस्त को कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा दिया था. कुलदीप ने मंगलवार को ही आदमपुर में समर्थकों से कह दिया था कि वह छह साल बाद कांग्रेस को अलविदा कहने और एक नया राजनीतिक सफर शुरू करने जा रहे हैं. कुलदीप बिश्नोई भले ही बीजेपी का दामन थामने जा रहे हों, लेकिन पार्टी में उनकी सियासी राह आसान नहीं है. बीजेपी के भीतर खुद को स्थापित करने के लिए उन्हें बड़ी लड़ाई लड़नी होगी.
हरियाणा में राज्यसभा चुनाव के दौरान 'क्रॉस वोटिंग' करने के चलते कांग्रेस ने कुलदीप बिश्नोई को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था. इसी के बाद से कुलदीप बिश्नोई ने बीजेपी नेताओं के साथ खुलकर मुलाकातों का सिलसिला शुरू कर दिया. सीएम मनोहर लाल खट्टर से लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से कई दौर की मीटिंग के बाद उन्होंने आदमपुर में एक बड़ी जनसभा में कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया था.
कुलदीप बिश्नोई के बीजेपी में शामिल होने से प्रदेश की राजनीति में हलचल मचना तय है, क्योंकि वो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे हैं. हरियाणा की सियासत में गैर-जाट चेहरा माने जाते हैं. कुलदीप बिश्नोई के लिए भाजपा में आने के बाद भी सियासी राह आसान नहीं है, क्योंकि उन्हें पार्टी के भीतर अपनी जगह बनाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी. ऐसे में कुलदीप बिश्नोई के सामने कई सियासी चुनौतियां हैं?
कुलदीप बिश्नोई को बीजेपी में एंट्री से पार्टी की नेता सोनाली फोगाट खुश नहीं है. 2019 के विधानसभा चुनाव में ही बीजेपी के टिकट पर फोगाट ने उनके खिलाफ चुनाव लड़ा था और कांटे की टक्कर दी थी. ऐसे में उन्हें सबसे पहले सोनाली फोगाट से सामना करना होगा. हालांकि उन्होंने भाजपा में उनके आने का स्वागत कर चुकी हैं, लेकिन यह भी ऐलान कर चुकी हैं वह आदमपुर सीट से ही अगला विधानसभा चुनाव लड़ेंगी. ऐसे में कुलदीप के पार्टी में शामिल होने से बीजेपी के स्थानीय नेताओं का विरोध और नाराजगी झेलनी पड़ सकती है.
jantaserishta.com
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