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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
चेन्नई: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने राज्य सरकारों से अवैध धर्मांतरण और लव जिहाद को रोकने के लिए कानून लाने की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि अवैध धर्मांतरण मानवता के खिलाफ सबसे बड़ा अपराध और हिंसा है। उन्होंने मंदिरों के कथित विध्वंस और सरकारी नियंत्रण, अवैध धर्मांतरण और हिंदू मान्यताओं व देवी-देवताओं के खिलाफ कथित तौर पर बढ़ते नफरत भरे भाषणों पर चिंता जताई।
जैन ने कांचीपुरम में विहिप की केंद्रीय शासी परिषद की दो दिवसीय बैठक के समापन पर पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा, "विहिप का मानना है कि अवैध धर्मांतरण मानवता के खिलाफ सबसे बड़ा अपराध और हिंसा है। मुल्ला, मौलवी और मिशनरी इस आपराधिक गतिविधि को अपना धार्मिक अधिकार मानकर सभी प्रकार के असंवैधानिक और अनैतिक साधनों का उपयोग कर रहे हैं।"
विहिप की बैठक में पारित एक प्रस्ताव में राज्य सरकार से अवैध धर्मांतरण और लव जिहाद के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए राज्य सरकारों से कड़े धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने का आग्रह किया गया। 2024 में अपनी 60वीं वर्षगांठ के लिए कार्य योजना की घोषणा करते हुए, जैन ने कहा कि विहिप 1 करोड़ से अधिक सदस्यों को नामांकित करेगा और देश भर में 15 लाख कार्यकर्ताओं के साथ अपनी इकाइयों को बढ़ाकर 1 लाख करेगा।
जैन ने कहा, "आजादी के बाद से ही इस आपराधिक कृत्य को रोकने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों ने मांग उठाई गई है। विहिप उन राज्य सरकारों का स्वागत करती है जिन्होंने अपने राज्यों में अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून बनाया है।"
तमिलनाडु में डीएमके सरकार की आलोचना करते हुए, विहिप लीडर ने कहा कि राज्य सरकार की असंवेदनशीलता के कारण ईसाई संचालित स्कूलों में अवैध रूप से धर्मांतरण और हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का प्रयास किया गया। उन्होंने तंजावुर जिले के एक मामले की ओर इशारा किया, जहां कथित तौर पर ईसाई धर्म अपनाने के दबाव में एक लड़की ने आत्महत्या कर ली।
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