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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चलने की खबरे हैं. इससे जुड़े सवाल का जवाब देते हुए आरसीपी सिंह ने अब चुप्पी तोड़ी है. आरसीपी सिंह का राज्यसभा कार्यकाल अगले महीने खत्म होने वाला है. खबरें हैं कि नीतीश कुमार उन्हें पार्टी से दोबारा राज्यसभा उम्मीदवार बनाने को लेकर अनिच्छुक हैं.
मंगलवार को सिंह दिल्ली से पटना लौटे. यहां राज्यसभा चुनाव, नीतीश कुमार से संबंधों में खटास पर सवाल के जवाब में कहा, 'आप पत्रकारों सहित सभी के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं.'
आरसीपी सिंह का कार्यकाल अगले महीने खत्म होगा
बता दें कि आरसीपी सिंह की सीट बिहार से राज्यसभा की उन पांच सीटों में शामिल है जहां चुनाव होने हैं. एक साल पहले नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का राज्यसभा में लगातार दूसरा कार्यकाल चल रहा है.
आरसीपी सिंह उत्तर प्रदेश काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी हैं. राजनीति में आने के लिए उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी. इससे पहले बिहार में नीतीश कुमार के सत्ता संभालने के बाद आरसीपी लंबे वक्त तक उनके प्रधान सचिव रहे थे.
नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा के निवासी आरसीपी सिंह कुर्मी जाति से आते हैं. वह वर्ष 2010 में जदयू में शामिल हुए थे. तब उन्हें नीतीश कुमार के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर बैठाया गया था. फिर केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल होने के कुछ महीने बाद उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष (JDU) का पद छोड़ दिया था.
आरसीपी सिंह की मुश्किलें क्यों बढ़ीं?
आरसीपी सिंह और JDU के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के बीच सबकुछ ठीक नहीं माना है. इस वजह से आरसीपी सिंह के लिए जदयू से राज्यसभा का एक और कार्यकाल हासिल कर पाना मुश्किल लग रहा है.
माना जाता है कि आरसीपी सिंह का बीजेपी के प्रति झुकाव बढ़ा है, जिससे नीतीश कुमार भी असहज हैं. नीतीश और बीजेपी के रिश्तें में भी पिछले कुछ वक्त से तल्खी आई हुई है.
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