तालिबान ने पाकिस्तान को अपना दूसरा घर बताया है. तालिबान के एक प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि तालिबान के लिए पाकिस्तान के लिए दूसरे घर जैसा है और वह पड़ोसी देश के साथ व्यापारिक और रणनीतिक संबंध मजबूत करना चाहते हैं. तालिबान प्रवक्ता जैबुल्लाह मुजाहिद ने भारत के साथ भी अच्छे संबंध की वकालत की लेकिन साथ ही भारत को एक नसीहत भी दी. पाकिस्तानी न्यूज चैनल एआरवाई न्यूज को दिए इंटरव्यू में तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने कहा, पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान की सीमाएं लगती हैं. जब धर्म की बात आती है तो हम पारंपरिक रूप से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. दोनों देशों के लोग एक-दूसरे में आसानी से घुले-मिले हुए हैं इसलिए हम पाकिस्तान के साथ अपने रिश्ते को और मजबूत करना चाहते हैं.
मुजाहिद ने ये भी कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण में पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं थी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कभी भी उनके आंतरिक मामले में दखल नहीं दिया. भारत से रिश्ते को लेकर मुजाहिद ने कहा, भारत इस इलाके का अहम हिस्सा है और हम भारत समेत सभी देशों के साथ अच्छे रिश्ते कायम करना चाहते हैं. हमारी बस ये इच्छा है कि भारत अफगान लोगों के हितों के हिसाब से ही अपनी नीतियां तय करे. मुजाहिद ने इंटरव्यू में कहा कि तालिबान किसी भी देश के खिलाफ अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देगा. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पर मुजाहिद ने कहा कि दोनों देशों को बैठकर समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए क्योंकि दोनों पड़ोसी देश हैं और दोनों के हित एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर को लेकर भारत को सकारात्मक रुख अपनाने की जरूरत है.
अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान और इस्लामिक स्टेट के उभार की आशंका पर तालिबान प्रवक्ता ने कहा, हमने पहले भी कहा है कि हम अपनी सरजमीं का इस्तेमाल किसी दूसरे देश के खिलाफ नहीं होने देंगे. इस बारे में हमारी नीति बिल्कुल स्पष्ट है. अफगानिस्तान में आईएसआईएस की मौजूदगी नहीं है. पिछले हफ्ते अमेरिका और आईएमएफ ने अफगानिस्तान को दी जाने वाली मदद पर रोक लगा दी. अमेरिका में अफगानिस्तान की सभी संपत्तियों को भी फ्रीज कर दिया गया है. ऐसे में, तालिबान सरकार कैसे चलाएगा? इस सवाल के जवाब में तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, हमने अभी तक सरकार को लेकर फैसला नहीं किया है. सरकार के गठन के बाद ही तय होगा कि देश की अर्थव्यवस्था को किस तरह से चलाना है. मुजाहिद ने कहा कि तालिबान की सरकार बैकिंग और टैक्स व्यवस्था को बहाल करेगी और कृषि-व्यापार के जरिए देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगी. फ्रीज या जब्त किए गए रिजर्व और फंड को बहाल कराने की कोशिश की जाएगी. उ्होंने कहा, हम अफगानिस्तान में ऐसी सरकार चाहते हैं जो इस्लाम पर आधारित हो और मजबूत हो. इस सरकार में सभी अफगान हिस्सा होंगे. हम इस पर काम कर रहे हैं और एक मजबूत और स्थिर सरकार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.