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भारतीय विदेश मंत्री का बड़ा बयान, रूस से तेल क्‍यों खरीद रहा है भारत? जानें

jantaserishta.com
17 Aug 2022 6:29 AM GMT
भारतीय विदेश मंत्री का बड़ा बयान, रूस से तेल क्‍यों खरीद रहा है भारत? जानें
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
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नई दिल्ली: यूक्रेन पर हमले के बाद से अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. ऐसे में अमेरिका के दबाव के बावजूद भारत लगातार रूस से कम दाम पर तेल खरीद रहा है. अब इन आलोचनाओं के बीच भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस से कच्चा तेल खरीदने की वजह स्पष्ट की है. उनका कहना है कि रूस से कच्चा तेल आयात करने को लेकर भारत सरकार का रुख बहुत ही ईमानदारी भरा रहा है.

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि तेल और गैस की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर हर देश अपने नागरिकों के लिए बेस्ट डील करना चाहता है.
जयशंकर ने कहा, मेरे देश की प्रति व्यक्ति आय 2000 डॉलर है. ये लोग इतना महंगा तेल नहीं खरीद सकते इसलिए यह मेरा नैतिक कर्तव्य है कि मैं अपने देश के लोगों के लिए बेस्ट डील कर सकूं.
उन्होंने कहा, इस समय तेल की कीमतें बहुत अधिक हैं. सिर्फ तेल ही नहीं गैस की कीमतों में भी बेतहाशा इजाफा हुआ है. एशिया के तेल के बहुत सारे सप्लायर्स यूरोप का रुख कर रहे हैं क्योंकि यूरोप, रूस से कम तेल और गैस खरीद रहा है. वह इसके बजाए यूरोप, मिडिल ईस्ट और अन्य स्रोतों से अधिक तेल खरीद रहा है. आज बिल्कुल यही स्थिति है, हर देश अपने नागरिकों के लिए बेस्ट डील करने का प्रयास करेगा. साथ ही तेल और गैस की बढ़ी हुई कीमतों के प्रभाव को कम करने की कोशिश करेगा. हम भी यही कर रहे हैं.


जयशंकर ने कहा, भारत डिफेंसिव होकर ऐसा नहीं कर रहा है. हम अपने हितों के प्रति बिल्कुल स्पष्ट है. मेरे देश की प्रति व्यक्ति आय 2000 डॉलर है. ये लोग महंगा तेल नहीं खरीद सकते. ऐसे में यह सुनिश्चित करना मेरा नैतिक कर्तव्य है कि मैं उनके लिए बेस्ट डील कर सकूं, जो मैं कर सकता हूं.
विदेश मंत्री जयशकंर ने कहा, मुझे लगता है कि एक बार आप ईमानदारी से चीजें स्पष्ट कर देते हैं तो लोग उसे स्वीकार कर लेते हैं, बेशक वे उसे सराहें नहीं. अमेरिका सहित कई देश भारत की स्थिति से वाकिफ हैं. यूक्रेन पर हमले के बीच रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए भारत की स्थिति को अब दुनिया ने स्वीकार कर लिया है. भारत अपने इस फैसले को लेकर बचाव की मुद्रा में नहीं रहा बल्कि उसने अन्य देशों को यह एहसास कराया कि उसका अपने देश के लोगों के प्रति कुछ दायित्व है.
यूक्रेन पर हमले के बीच रूस से कच्चा तेल खरीद जारी रखने से भारत, अमेरिका संबंधों पर उनसे सवाल पूछे गए थे. विदेश मंत्री जयशंकर भारत, थाईलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर मंगलवार को बैंकॉक पहुंचे थे. उन्होंने यहां नौंवी भारत, थाईलैंड ज्वॉइन्ट कमिशन में शिरकत की.
विदेश मंत्री जयशंकर ने पहले ही कई सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर रूस से कच्चा तेल खरीदने के भारत के कदम का बचाव किया है.
उन्होंने इस साल अप्रैल में अमेरिका में 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में कहा था कि एक महीने में रूस से भारत जितना तेल खरीदता है, वह शायद उस मात्रा से कम ही है, जो यूरोप एक दिन में रूस से खरीदता है.
बता दें कि इस साल फरवरी में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से भारत की रूस से तेल खरीद रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ी है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जून महीने में भारत ने रूस से प्रतिदिन करीब 9.5 लाख बैरल तेल खरीदा.


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