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नई दिल्ली: राज्यसभा चुनाव को लेकर झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दल कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच खींचतान खत्म नहीं हुई है। कई दिनों से दोनों पार्टी के नेता अपने-अपने दल से राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार देने का दावा कर रहे हैं । इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर आई कि जेएमएम ने यह सीट कांग्रेस को देने का मन बनाया है। लेकिन कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मीडिया को जो बयान दिया है, उससे मामला सुलझता हुआ नहीं दिख रहा है।
रांची में JMM विधायक दल की बैठक के बाद हेमंत सोरेन दिल्ली गए थे। उन्होंने राज्यसभा चुनाव पर सोनिया गांधी से बात की। मुलाकात करने के बाद हेमंत सोरेन ने प्रेस को बताया कि सोनिया गांधी से उनकी लगभग सवा घंटे तक बात हुई। हेमंत सोरेन ने दावा किया कि दोनों दलों के नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण में वार्ता हुई और यह तय हो गया है कि झारखंड की एकमात्र राज्य सभा सीट के लिए गठबंधन से एक ही उम्मीदवार होगा। लेकिन, उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि प्रत्याशी किस दल का होगा।
हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड जाने के बाद ही प्रत्याशी के नाम की घोषणा की जाएगी। मीडिया कर्मियों की ओर से बार-बार पूछे जाने पर भी उन्होंने यह साफ नहीं किया कि कैंडिडेट जेएमएम का होगा या कांग्रेस कांग्रेस पार्टी का। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच कोई मतभेद नहीं है। दोनों दल साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी को जवाब देंगे।
इससे पहले रांची में जेएमएम विधायक दल की बैठक में पार्टी की ओर से ही राज्यसभा कैंडिडेट उतारने की बात कही गई थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि सोनिया गांधी से मुलाकात में उनकी बात नहीं बनी। शायद इसीलिए हेमंत सोरेन ने स्पष्ट उत्तर नहीं दिया।
अपने ऊपर लगे करप्शन के आरोप को लेकर सीएम हेमंत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी झारखंड में कमजोर हो गई है। इसलिए सरकार के खिलाफ मुहिम चला रही है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा भले ही देश की सबसे बड़ी पार्टी हो, झारखंड में सबसे बड़ी पार्टी नहीं रही। इस तकलीफ को बीजेपी के नेता बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।
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