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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
नई दिल्ली: ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी के मौके पर स्वर्ण मंदिर में खालिस्तानी नारे लगाए जाने की घटना सामने आई है। इस बीच अकाल तख्त के जत्थेदार के बयान ने विवाद पैदा कर दिया है। उन्होंने कहा कि सभी सिखों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग मिलना जरूरी है। जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि सिखों को ट्रेनिंग अकादमी शुरू करनी चाहिए, जिसमें लोगों को यह बताया जाए कि वे कैसे हथियार चला सकते हैं। अकाल तख्त सिखों की 5 अथॉरिटीज में से एक है। इसका केंद्र अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में है। ऐसे में इसकी राय को बेहद अहम माना जाता रहा है।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने गोल्डन टेम्पल के बाहर ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। इसी कार्यक्रम में खालिस्तानी नारे लगने की बात भी कही जा रही है। इस दौरान सिख कैदियों को भी जेलों से रिहा करने की मांग उठाई गई। हरप्रीत सिंह ने इस मौके पर कहा, 'सिखों को कभी भी आजादी नहीं मिली। सिखों को राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हमें धार्मिक रूप से मजबूत होने की जरूरत है। इस बार पुलिस को तैनात कर सरकार ने सिखों को कंट्रोल करने की कोशिश की है।'
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि जिस तरह से अपराध बढ़ रहे हैं, उस स्थिति में हर धर्म के लोगों को यह हक है कि वे अपने लोगों की रक्षा कर सकें। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा, 'सिखों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग मिलनी चाहिए।' उनका यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब करीब एक सप्ताह पहले ही पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या हुई है। उनके मर्डर के बाद ही पटना साहिब से जुड़े धर्मगुरु ने भी ऐसी ही बात कही थी। गौरतलब है कि पिछले दिनों केंद्र सरकार की ओर से ज्ञानी हरप्रीत सिंह को जेड सिक्योरिटी भी दी गई थी, लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि जेड सिक्योरिटी के चलते उनका कामकाज प्रभावित होगा।
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