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बड़ा संकेत! दिल्ली में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, दिया ये बयान

jantaserishta.com
11 Nov 2021 8:37 AM GMT
बड़ा संकेत! दिल्ली में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, दिया ये बयान
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नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस में बड़े फेरबदल के बाद अब शायद पार्टी हाईकमान का फोकस राजस्थान पर है। यहां बीते करीब तीन सालों से अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तलवारें खिंची हुई हैं। सचिन पायलट अकसर अपने करीबियों को कैबिनेट में जगह देने की मांग करते रहे हैं। अब तक कैबिनेट में फेरबदल को अशोक गहलोत टालते रहे हैं, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि हाईकमान के दखल पर उन्हें झुकना होगा। गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के लिए दिल्ली पहुंचे अशोक गहलोत ने खुद इस बात के संकेत दिए हैं।

मीडिया से बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा, 'कैबिनेट में फेरबदल को लेकर पार्टी हाईकमान की ओर से फैसला लिया जाएगा। अजय माकन को इस बारे में पूरी जानकारी है। हम चाहते हैं कि राज्य में अच्छे से सरकार चलती रहे और लोगों को बढ़िया गवर्नेंस मिले।' इससे पहले बुधवार की रात को राहुल गांधी के तुगलक लेन स्थित आवास पर प्रियंका गांधी से भी अशोक गहलोत की लंबी मुलाकात हुई थी। इस दौरान भी केसी वेणुगोपाल और अजय माकन जैसे सीनियर नेता मौजूद थे। इस मीटिंग को लेकर भी यही कहा जा रहा था कि प्रियंका गांधी ने राजस्थान में सुलह का फॉर्मूला तलाशने के लिए अशोक गहलोत को बुलाया है।


अशोक गहलोत ने कहा कि मैंने पार्टी हाईकमान को राज्य के मौजूदा हालातों के बारे में पूरी जानकारी दी है। बता दें कि सचिन पायलट कई बार जोर-आजमाइश कर चुके हैं। बुधवार को भी सचिन पायलट का बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन कार्यकर्ताओं को सरकार में जगह मिलनी चाहिए, जिन्होंने उसे लाने के लिए पसीना बहाया है। अब प्रदेश के चुनाव में महज दो साल का ही वक्त बचा है। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस गुटबाजी और आंतरिक कलह को खत्म करने के लिए सुलह का रास्ता निकाल सकती है।


इस बीच अशोक गहलोत ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में कटौती का भी ऐलान कर दिया है। मंगलवार शाम को गहलोत ने वैट में कमी की बात कही थी, लेकिन अब तक यह नहीं कहा है कि यह कमी कब से और कितनी की जाएगी। इस बारे में एक बार फिर से केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा, 'पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ रही है। केंद्र को राज्यों का सपोर्ट करना चाहिए। हम केंद्र से मांग करते हैं कि वह पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और कमी करे। यदि केंद्र की ओर से कटौती की जाती है तो फिर राज्यों में भी कीमतें कम होंगी।'

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