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महबूबा मुफ्ती को बड़ा झटका: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पासपोर्ट के लिए मंजूरी देने से किया मना
Deepa Sahu
29 March 2021 3:49 PM GMT
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महबूबा मुफ्ती को बड़ा झटका
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के पासपोर्ट अपडेशन को लेकर अब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंजूरी देने से इनकार कर दिया है. मुफ्ती के ट्वीट के मुताबिक उनका पासपोर्ट सीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर जारी करने से इंकार किया गया है.
महबूबा मुफ्ती ने इस मामले में ट्वीट करते हुए कहा है कि पासपोर्ट कार्यालय ने CID की रिपोर्ट के आधार पर मेरा पासपोर्ट जारी करने से इनकार कर दिया, क्योंकि यह भारत की सुरक्षा के लिए खतरा है. यह अगस्त 2019 से कश्मीर में हासिल की गई सामान्य स्थिति का स्तर है कि पासपोर्ट धारण करने वाला एक पूर्व मुख्यमंत्री एक शक्तिशाली राष्ट्र की संप्रभुता के लिए खतरा है. मुफ्ती के पासपोर्ट की तारीख 31 मई 2019 तक थी, जिसके बाद उन्होंने अपडेट के लिए अपील की थी.
Passport Office refused to issue my passport based on CID's report citing it as 'detrimental to the security of India. This is the level of normalcy achieved in Kashmir since Aug 2019 that an ex Chief Minister holding a passport is a threat to the sovereignty of a mighty nation. pic.twitter.com/3Z2CfDgmJy
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) March 29, 2021
बता दें कि हाल ही में महबूबा मुफ्ती ने पासपोर्ट के लिए जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट का रुख किया. महबूबा के मौजूदा पासपोर्ट की तारीख खत्म हो गई है, जिसे वो अपडेट करवाना चाहती हैं. लेकिन अभी तक पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है, जिसके बाद अब महबूबा मुफ्ती ने हाई कोर्ट का रुख किया है.
अदालत में दाखिल याचिका में महबूबा मुफ्ती की ओर से बताया गया कि उनके पासपोर्ट की तारीख 31 मई, 2019 तक थी. उन्होंने बीते साल 11 दिसंबर को पासपोर्ट ऑफिस में अपडेट के लिए अपील की थी, नियमानुसार 30 दिन के भीतर ये प्रक्रिया पूरी की जानी थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ है.
महबूबा मुफ्ती का बयान
वहीं हाल ही में महबूबा मुफ्ती का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत सरकार को पाकिस्तान के साथ हो रही किसी भी स्तर की वार्ता में जम्मू-कश्मीर के लोगों को शामिल करना चाहिए. महबूबा ने कहा कि भारत-पाकिस्तान को कश्मीरी लोगों के साथ एक टेबल पर बैठकर मुद्दे का हल निकालना चाहिए.
महबूबा मुफ्ती लगातार कर रही हैं दावा
महबूबा मुफ्ती को बीते साल ही नवंबर में 14 महीने की नज़रबंदी से रिहा कर दिया गया था. हालांकि, इसके बाद भी वो लगातार दावा करती आई हैं कि उन्हें बाहर जाने से रोका जा रहा है. लेकिन इससे इतर बीते कुछ दिनों में उन्होंने अलग-अलग जगह पार्टी की बैठकों में हिस्सा लिया है.
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