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कोलकाता: कोलकाता के दमदम पार्क इलाके में एक दुर्गा पूजा पंडाल में कथित तौर पर जूतों से सजावट की गई है. इस पर बवाल खड़ा हो गया है. बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद ने पंडाल में जूतों के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताई है. हालांकि, आयोजकों का कहना है कि उनका पंडाल किसान आंदोलन की थीम पर है और जूते पंडाल से दूर लगाए गए हैं.
इस दुर्गा पंडाल को दमदम पार्क भारत चक्र पूजा कमेटी ने तैयार किया है और इसे अनिर्बन दास नाम के आर्टिस्ट ने सजाया है. इस पंडाल के जरिए कमेटी ने किसान आंदोलन के साथ-साथ यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को भी दर्शाया है. इस पंडाल को बाहर से सैकड़ों जूते-सैंडल से सजाया गया है.
अनिर्बान दास ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया था कि इस पंडाल में एक बड़े से ट्रैक्टर पर आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के नाम एक पर्ची में लिखे हुए हैं. इसके साथ ही एक पोस्टर में अंग्रेजी में लिखा है, 'हम किसान हैं. आतंकवादी नहीं. किसान अन्न सैनिक हैं.'
पूजा कमेटी के सचिव प्रतीक चौधरी ने बताते हैं कि वो पंडाल के जरिए किसानों के शोषण को उजागर करना चाहते हैं. वो कहते हैं, '1946-47 के तेभागा आंदोलन से लेकर हालिया किसान आंदोलन तक, हमने उन किसानों की कहानी बताने की कोशिश की है जो हमें भोजन मुहैया कराते हैं.' उन्होंने कहा, 'लखीमपुर खीरी में जब हिंसा हुई तब तक हमारा पंडाल लगभग तैयार हो गया था, लेकिन हमने पंडाल में उस हिंसा की कहानी को भी शामिल किया.'
दुर्गा पूजा के पंडाल को जूतों-चप्पल से सजाने पर बवाल भी खड़ा हो गया है. बीजेपी ने इसे आस्था का अपमान बताया है. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी ने गृह सचिव और मुख्य सचिव को पत्र लिख कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'दमदम पार्क में दुर्गा पूजा पंडाल को जूतों से सजाया गया है. 'कलात्मक स्वतंत्रता' के नाम पर मां दुर्गा को अपमानित करने का ये जघन्य कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मैं मुख्य सचिव और गृह सचिव से आग्रह करता हूं कि वो इस मामले में दखल दें.'
विश्व हिंदू परिषद ने भी इस पर आपत्ति जताई है. वीएचपी ने भी बंगाल के गृह सचिव को पत्र लिख पंडाल से जूते हटवाने की मांग की है. वीएचपी ने लिखा, 'हम आपसे आग्रह करते हैं कि तुरंत पंडाल से जूते हटवाने के लिए उचित कदम उठाएं. जब तक पूजा स्थल से इन आपत्तिजनक जूतों को नहीं हटाया जाता, तब तक बंगाली हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं शांत नहीं होंगी. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि सांप्रदायिक सद्भाव खत्म करने और बंगाली हिंदुओं का अपमान करने वाले इन उपद्रवियों के खिलाफ मजबूती से कदम उठाएं.'
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