मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुए एक डबल मर्डर की कहानी ने सबको हैरान कर दिया है. जहां एक परिवार के मुखिया और उनकी पत्नी को बेरहमी के साथ मौत के घाट उतार दिया गया. लेकिन उनके बगल वाले घर में सो रहे बुजुर्ग माता-पिता और जवान बेटे को इसकी भनक तक नहीं लगी. इस कत्ल की वारदात के दौरान सबसे हैरान करने वाली बात थी, घर की बेटी का गायब हो जाना. जब वारदात हुई तो बेटी और माता-पिता साथ रहे थे. लेकिन घटना के बाद घर से दो लाश मिली. बेटी लापता थी और पुलिस हैरान. इंदौर के एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन के पास रुक्मिणी नगर है. वहां पुलिसकर्मी ज्योति प्रसाद शर्मा का घर है. मकान दो हिस्सों में बंटा है. एक में खुद ज्योति प्रसाद शर्मा अपनी बीवी और दो बच्चों यानी एक बेटा और बेटी के साथ रहते थे. जबकि दूसरे में उनके बुजुर्ग माता-पिता रहते हैं. बीते गुरुवार की सुबह ज्योति प्रसाद की मां अपने बेटे और बहू के लिए चाय लेकर बगल में उनके घर गई. उन्होंने कई बार दरवाजा खटखटाया लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई. जबकि अंदर तीन लोग थे उनका बेटा ज्योति प्रसाद, बहू नीलम और उनकी 17 साल की पोती.
लेकिन जब कई बार दरवाजे पर दस्तक देने और आवाज लगाने के बावजूद अंदर से कोई जवाब नहीं मिला, तो ज्योति प्रसाद की मां परेशान हो गईं. दिक्कत ये भी थी कि घर के बाहर दरवाजे पर ताला लटक रहा था, लिहाजा वो अंदर भी नहीं जा सकती थीं. ऐसे में उन्होंने अपने पोते यानी ज्योति प्रसाद के 18 साल के बेटे ऋषभ को बुलाया, जो रात अपने माता-पिता के साथ नहीं बल्कि अपने दादा-दादी के पास ही सोया था. पोते ने भी दादी के साथ मिलकर अपने माता-पिता और बहन को जगाने की काफी कोशिश की. लेकिन जब अंदर से कोई आवाज नहीं आई, तो दोनों घबरा गए. उन्होंने आस-पास के लोगों को भी बुलाया और आनन-फानन में दरवाजे पर लगा ताला तोड़ा गया. अंदर का मंजर देख कर हर किसी की रूह कांप गई. 45 साल के ज्योति प्रसाद और उनकी 40 साल की बीवी नीलम की खून से सनी लाश घर में अलग-अलग हिस्सों में पड़ी थी. ज्योति प्रसाद की लाश जहां फर्श पर थी, वहीं नीलम की लाश पलंग पर. चूंकि दोनों का कत्ल चाकू जैसे किसी धारदार हथियार से किया गया था, लाश के आस-पास इतना खून बिखरा पड़ा था कि वहां पैर रखना भी मुश्किल था और तो और चाकू के वार से उड़े खून के छींटे दीवारों तक भी पहुंच गए थे.
लेकिन इस दोहरे कत्ल की कई बातें पहली ही नजर में बेहद हैरान करनेवाली थीं. पहली बात तो यही थी कि अगर घर के अंदर ज्योति प्रसाद और नीलम का कत्ल हुआ, तो उनकी 17 साल की बेटी कहां गई? सवाल ये भी था कि आखिर कातिल जाते-जाते दरवाजे पर चाबी कैसे लगा गए? तो क्या ये ज्योति प्रसाद और नीलम की बेटी ही थी, जिसने अपनी मां-बाप का कत्ल कर दिया था? लेकिन 17 साल की एक नाबालिग लड़की आखिर ऐसा कैसे करती? वैसे भी अकेले अपने पुलिसवाले पिता और मां की जान लेना उनकी बेटी के लिए मुमकिन नहीं था. ऐसे में सवाल ये था कि क्या बेटी ने किसी और के साथ मिल कर अपने माता-पिता की जान ली और घर से फरार हो गई? अगर उसने ऐसा किया भी, तो आखिर इसकी वजह क्या हो सकती थी?
जाहिर है, इस मामले में पहला शक नाबालिग बेटी पर ही था. लेकिन जब तक बेटी का कुछ पता नहीं चलता, पक्के तौर पर कुछ भी कहा नहीं जा सकता था. अब तक पुलिस को भी इस दोहरे कत्ल की खबर मिल चुकी थी. पुलिस ने लाश को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाने के साथ-साथ पूरे घर की तलाशी लेने की शुरुआत की. ताकि कहीं से इस भयानक डबल मर्डर के कातिलों का कोई सुराग मिल सके. लेकिन ये कत्ल जितना भयानक था, मौका-ए-वारदात पर मिले कुछ सबूत भी उतने ही हैरान करने वाले थे
पुलिस ने देखा कि घर में 17 साल की बेटी का लिखा एक खत पड़ा है, जिसमें बेटी ने लिखा था कि उसके पिता यानी ज्योति प्रसाद शर्मा उसका शारीरिक शोषण करते थे. इस काम में उसकी मां भी उनका साथ देती थी. अब वो घर छोड़ कर जा रही है. इसलिए कोई भी उसे ढूंढने की कोशिश ना करे. पूरे घर में सीसीटीवी कैमरे में लगे थे. ऐसे में कातिलों की तस्वीरें कैमरे में कैद होनी चाहिए थी, लेकिन दूसरी हैरानी का बात ये थी कि पूरे घर की सीसीटीवी दो दिन से ऑफ थी. तीसरी चौंकाने वाली बात ये थी कि उनकी बेटी का मोबाइल फोन भी करीब 20 घंटे पहले से स्विच्ड ऑफ था और फोन भी वहीं घर पर ही रखा था.
कत्ल के तौर तरीके को देख कर ये बात भी तकरीबन साफ थी बेटी ने अकेले अपने मां-बाप की जान नहीं ली, बल्कि कातिल कोई ऐसा था, जो बाहर से आया था. बंद मकान में दो लोगों का कत्ल और कत्ल के साथ ही 17 साल की बेटी का गायब हो जाना. जाते-जाते अपने पीछे एक खत छोड़ना. ये सारी चीजें इशारा कर रही थीं कि इस कत्ल में घर की बेटी का ही हाथ है. लेकिन साथ ही ये भी समझना मुश्किल नहीं था कि ये कत्ल अकेले उनकी बेटी नहीं कर सकती थी. सवाल ये भी था कि आखिर बेटी ने ऐसा किया क्यों? और इसी सवाल का जवाब ढूंढते-ढूंढते पुलिस की रडार पर एक नाम उभर कर सामने आया. और ये नाम था, इंदौर के गांधीनगर मोहल्ले के रहने वाले एक नौजवान धनंजय यादव उर्फ डीजे का. जी हां, डीजे यानी ज्योति प्रसाद और नीलम की बेटी का बॉयफ्रेंड.
पुलिस ने सच्चाई पता करने के लिए गांधीनगर मोहल्ले में डीजे के घर पर दबिश दी और पुलिस का शक सही निकला. ज्योति प्रसाद की बेटी के साथ-साथ उसका बॉयफ्रेंड डीजे भी अपने घर से गायब था और इत्तेफाक से उसी गुरुवार की सुबह से गायब था, जिस सुबह ये डबल मर्डर हुआ. पुलिस को तफ्तीश में जो जानकारी मिली, उससे पुलिस को भी यकीन हो चला कि उनकी तफ्तीश सही दिशा में ही चल रही है. डीजे ना सिर्फ इस घर की बेटी का बॉयफ्रेंड था, बल्कि वो अक्सर इस लड़की से मिलने आता था और फोन पर उससे घंटों बातें भी किया करता था. पता चला कि ज्योति प्रसाद ना सिर्फ अपनी बेटी को डीजे से ज्यादा मिलने-जुलने से रोकते थे, बल्कि चंद रोज पहले भी उन्होंने अपनी बेटी को डीजे से बातें करते हुए पकड़ लिया था और बेटी के साथ-साथ डीजे को भी कड़ी फटकार लगाई थी.
इधर, मोहल्लेवालों ने भी पुलिस को एक और अजीब बात बताई. लोगों ने बताया कि गुरुवार की सुबह करीब 4 बजे ज्योति प्रसाद और उनकी बीवी की चीखने की आवाजें भी आ रही थीं. लेकिन मां-बाप की चीख चिल्लाहट से बेफिक्र उनकी बेटी घर के बाहर अपने पालतू कुत्ते को टहला रही थी. जब लोगों ने लड़की से इस शोर-शराबे की वजह पूछी तो बेटी ने बड़ी लापरवाही से जवाब दिया कि उसके पिता आज फिर से शराब पीकर आए हैं और मां से झगड़ रहे हैं. बेटी की ये बात सुन कर मोहल्लेवाले वापस लौट गए. लेकिन जब सुबह कत्ल की वारदात का खुलासा हुआ, तो लोगों को पता चला कि असल में वो शोर-शराब पति-पत्नी के बीच के झगड़े का नहीं, बल्कि कातिल से दोनों के बचने की कोशिश में हो रहा था.
ऐसे में कातिलों की गिरफ्तारी से पहले ही पुलिस के लिए तकरीबन कत्ल की पूरी कहानी साफ हो चुकी थी. लेकिन घर की बेटी और उसके बॉयफ्रेंड की गिरफ्तारी के साथ-साथ तमाम सिक्वेंस ऑफ इवेंट यानी सिलसिला-ए-वारदात का पूरा तरह से साफ होना अभी बाकी था. इत्तेफाक से 12 घंटे के अंदर पुलिस ने वो काम भी पूरा कर लिया. कत्ल की पूरी साजिश बहुत भयानक थी. ज्योति प्रसाद शर्मा और उनकी पत्नी का कत्ल करने के बाद उनकी बेटी और उसका बॉयफ्रेंड अल-सुबह ही मौका-ए-वारदात से बाइक पर फरार हो गए थे. पुलिस लगातार दोनों को ढूंढ रही थी. पुलिस ने सिर्फ इंदौर ही नहीं आस-पास के जिलों की पुलिस को भी अलर्ट कर दिया था. लेकिन दिक्कत ये थी कि उनके मोबाइल फोन भी स्विच्ड ऑफ थे.
दोनों बाइक से इंदौर से रतलाम और फिर वहां से राजस्थान भागने की फिराक में थे. लेकिन रास्ते में उन्होंने एक गलती कर दी. डीजे ने अपना मोबाइल फोन कुछ देर के लिए ऑन कर लिया. इधर, रतलाम के पास शाम करीब 4 बजे मोबाइल ऑन हुआ और उधर साइबर सेल को इनकी लोकेशन पता चल गई. इंदौर पुलिस ने फौरन रतलाम पुलिस को दोनों की तस्वीरें भेजी और अलर्ट कर दिया. रतलाम पुलिस ने नाकेबंदी की और कोशिश रंग लाई. दोनों बीच रास्ते में ही धर लिए गए. गिरफ्तारी के बाद दोनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया.
पुलिस सूत्रों की मानें तो दोनों ने कत्ल की प्लानिंग पहले ही कर ली थी. रात में जब लड़की का भाई अपने दादा के कमरे में सोने गया तो बेटी ने अपने बॉयफ्रेंड को अलर्ट कर दिया था. दोनों की लगातार चैटिंग होती रही. लड़की अपना नहीं बल्कि किसी और का फोन यूज कर रही थी. सुबह चाकू और दराती के साथ बॉयफ्रेंड घर में घुस आया. कातिल बॉयफ्रेंड ने पहले लड़की की सो रही मां पर चाकू से ताबड़तोड़ वार किए और फिर जब उनकी चीख से पति ज्योति प्रसाद जगे, तो फिर उनकी बारी आ गई. उधर, बेटी बाहर कुत्ते को टहलाने का नाटक करने लगी. लोगों ने पूछा तो बताया कि माता-पिता लड़ रहे हैं. फिर कत्ल के बाद इशारा मिलते ही वो अंदर गई. फिर घर से जरूरी सामान और करीब डेढ़ लाख रुपये चुरा कर दोनों वहां से फरार हो गए.