देसी घी के परांठे और मुर्गा खाने के शौकीन लोगों को लेकर बड़ा खुलासा
चंडीगढ़। पंजाब का हर तीसरा व्यक्ति हाईपरटेंशन का मरीज हैं। देसी घी के परांठों और मक्खनी कुक्कड़ के शौकीन पंजाबियों के खानपान ने उन्हें बीमारियों की दहलीज पर खड़ा कर दिया है। हाई ब्लड प्रैशर के ये मरीज हार्ट अटैक से लेकर स्ट्रोक के खतरे में आ गए हैं। पंजाब स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की …
चंडीगढ़। पंजाब का हर तीसरा व्यक्ति हाईपरटेंशन का मरीज हैं। देसी घी के परांठों और मक्खनी कुक्कड़ के शौकीन पंजाबियों के खानपान ने उन्हें बीमारियों की दहलीज पर खड़ा कर दिया है। हाई ब्लड प्रैशर के ये मरीज हार्ट अटैक से लेकर स्ट्रोक के खतरे में आ गए हैं। पंजाब स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो पंजाब के 5,85,744 लोग हाइपरटेंशन, जबकि 4,88,309 शुगर की चपेट में हैं। पंजाब स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में नॉन कम्युनिकेबिल डिसीजेज की पहचान के लिए करवाई गई 41,85,370 लोगों की स्क्रीनिंग रिपोर्ट ने यह खुलासा किया है। रिपोर्ट यह भी कहती है कि पंजाब के 1,22,898 लोग कार्डियोवैस्कुलर डिसीज के मरीज भी हैं और 2, 144 लोगों ने स्ट्रोक के लिए इलाज भी हासिल किया है। वर्ष 2023-24 के दौरान अक्तूबर महीने तक प्रदेश के 15,09,976 पेशेंट्स की जांच भी पूरी कर ली गई है। पंजाब में बढ़ती हाईपरटेंशन के मरीजों की संख्या को देखते हुए प्रदेश में ब्लड प्रैशर नियंत्रण और हार्ट पेशेंट्स को तंदरूस्त रखने के लिए दो प्रोजेक्टस पर काम शुरू किया गया है। पहला प्रोजेक्ट इंडिया हाईपरटेंशन कं ट्रोल इनीशिएटिव (आई.एच.सी.आई.) के अंतर्गत लोगों के ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा रहा है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि अगर ब्लड प्रैशर नियंत्रित नहीं रहेगा तो लोगों के दूसरे अंगों पर बीपी अटैक कर सकता है। लोग दिल के मरीज बन सकते हैं, उन्हें स्ट्रोक भी हो सकता है, किडनी और आंखें भी खराब हो सकती हैं। लोगों को नियमित तौर पर ब्लड प्रैशर की जांच और दवाओं के सेवन करवाने के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में आई. एच.सी.आई. प्रोग्राम चलाया जा रहा है।
पंजाब स्वास्थ्य विभाग के स्टैमी प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी डॉ. संदीप सिंह गिल का कहना है कि प्रदेश में वर्ष 2018 से ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए काम किया जा रहा है। देशभर में पंजाब पहला ऐसा राज्य है जिसने सबसे पहले ब्लड प्रैशर नियंत्रण करने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट शुरू किया है। स्क्रीनिंग की मदद से यह भी पता चला है कि वर्ष 2021-22 के दौरान हाईपरटेंशन के 62 प्रतिशत मरीजों को ब्लड प्रैशर के लिए दवा, जीवनशैली में बदलाव की वजह से नियंत्रित भी हो गया है। पंजाब को ब्लड प्रेशर नियंत्रण की वजह से वर्ष 2023 में यूएन अवार्ड भी हासिल हुआ है। डॉ. गिल ने बताया कि स्टैमी प्रोजैक्ट में हार्ट अटैक के पेशेंट्स को इलाज दिया जा रहा हैं। 1200 पेशेंट्स ने स्टैमी प्रोजेक्ट में अपना पंजीकरण करवाया है और आठ जिलों से एक साल में 150 लोगों ने थ्रोंबोलिसिस करवाया है। पंजाब में तकरीबन तीन करोड़ लोगों की आबादी है। उनमें से 30 साल से अधिक उम्र के करीब 1.2 करोड़ लोग प्रदेश में रहते हैं जिनकी स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित तौर पर स्क्रीनिंग करवाई जा रही है। पंजाब के 37 प्रतिशत के लगभग लोगों को ब्लड प्रैशर की समस्या हैं। 40 प्रतिशत लोग मोटापे से ग्रस्त हैं। ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना सबसे जरूरी है।