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15 IAS अफसर को बड़ी जिम्मेदारी, 5 राज्यों में तैनात किए गए ऑब्जर्वर
jantaserishta.com
1 Feb 2022 3:10 PM GMT
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नई दिल्ली: पांचों राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने 15 विशेष ऑब्जर्वर्स नियुक्त किए हैं. निर्वाचन आयोग ने एक बैठक कर इन सभी अनुभवी ऑब्जर्वर्स को ब्रीफ भी किया.
विशेष जनरल ऑबजर्वर, विशेष पुलिस ऑब्जर्वर और विशेष एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर के रूप में इनकी नियुक्ति सुरक्षा, व्यवस्था और काले धन और ड्रग्स या नशीले पदार्थ या फिर कीमती सामान की आवाजाही पर निगाहदारी रखने और जब्त कर अपराधियों को गिरफ्तार करवाने के लिए की गई है. विशेष जनरल ऑब्जर्वर पूर्व आईएएस अधिकारी हैं, जबकि विशेष पुलिस ऑब्जर्वर के रूप में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारियों को नियुक्त किया गया है. रिटायर्ड आईआरएस अधिकारियों को स्पेशल एक्सपेंडीचर ऑब्जर्वर बनाया गया है.
1988 बैच के रिटायर्ड आईएएस मनजीत सिंह को स्पेशल जनरल ऑबजर्रवर और 1984 बैच के रिटायर्ड आईपीएस सोमेश गोयल को विशेष पुलिस ऑब्जर्वर बनाया गया है. इन दोनों अधिकारियों ने पहले भी कई चुनावों में अपनी कामयाब भूमिका निभाई है.
मणिपुर में 1987 बैंच के पूर्व आईएएस प्रवीर कृष्णा, 1985 वैंच के आईपीएस अरुण कुमार और 1987 बैच के आईआरएस राजेश टुटेजा को विशेष ऑव्जर्वर बनाया गया है. पंजाब विधान सभा चुनाव के लिए 1982 बैच के आईएएस और निर्वाचन आयोग के उपायुक्त रहे विनोद जुत्शी, 1984 बैंच के आईपीएस रजनीकांत मिश्रा और 1985 बैच की आईआरएस हिमालिनी कश्यप को स्पेशल ऑब्जर्वर की जिम्मेदारी दी गई है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में निगरानी रखने की जिम्मेदारी बिहार के पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी और 1984 बैच के आईएएस अजय नायक, एजीएमयू कैडर के 1984 बैच के आईपीएस दीपक मिश्रा और 1983 वैंच के दो आईआरएस बी मुरली कुमार और बीआर बालकृष्णन को दी गई है. ये सभी अधिकारी पिछले कई विधानसभा चुनावों में ऐसी ही जिम्मेदारी बखूबी निभा चुके हैं.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में 1987 बैच के आईएएस अधिकारी राम मोहन मिश्रा, 1984 बैंच के आईपीएस अनिल कुमार शर्मा और 1982 बैंच की आईआरएस अधिकारी रही मधु महाजन को स्पेशल ऑब्जर्वर बनाया गया है. इन ऑब्जर्वर्स की जिम्मेदारी किसी भी गड़बड़ी, कानून व्यवस्था, नशीले पदार्थ, ड्रग्स . कैश, फ्री में मतदाताओं को बांटने के लिए लाए ले जानें वाले सामान पर नजर रखना, छापा मारकर बरामद करना, इसमें लिप्त लोगों को गिरफ्तार करवा कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना होगी. इन विशेष ऑब्जर्वर्स के मातहत अन्य ऑब्जर्वर, माइक्रो ऑब्जर्वर की पूरी टीम होती है.
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