सुप्रीम कोर्ट से बसपा सांसद अफजाल अंसारी को बड़ी राहत, बहाल हुई सांसदी
नई दिल्ली: बसपा सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर केस में मिली 4 साल की सजा से सुप्रीम कोर्ट ने राहत दे दी है। अदालत ने अफजाल अंसारी की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसके चलते बसपा के अयोग्य ठहराए गए सांसद की बहाली का रास्ता खुल गया है। हालांकि अदालत ने यह शर्त रखी है कि वह वोट नहीं डाल सकेंगे और सांसद के तौर पर भत्ते भी नहीं ले पाएंगे। लेकिन उन्हें सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की परमिशन होगी। अफजाल अंसारी को गैंगस्टर केस में 4 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद 1 मई को उनकी लोकसभा की सदस्यता भी चली गई थी।
अफजाल अंसारी 5 बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं। नियम के मुताबिक यदि किसी जनप्रतिनिधि को दो या उससे अधिक साल की सजा होती है तो उसकी संसद या विधानसभा की सदस्यता चली जाती है। यही नहीं उसके चुनाव लड़ने पर भी 6 साल के लिए रोक का प्रावधान है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने बहुमत से फैसला दिया कि अफजल की अंसारी की सजा पर फिलहाल रोक लगाई जाए। इसके साथ ही तीन जजों की बेंच ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से कहा है कि वह 30 जून तक सजा के खिलाफ दायर अफजल अंसारी की अपील पर फैसला करे।
इस मामले में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां ने अफजाल अंसारी की सजा पर रोक का फैसला दिया, जबकि जस्टिस दीपांकर दत्ता इसके खिलाफ थे। इस तरह 2-1 के बहुमत से सुप्रीम कोर्ट की बेंट ने अफजाल अंसारी को राहत दे दी। जजों ने कहा कि यह किसी भी संसदीय क्षेत्र की जनता का अधिकार है कि उसके पास जनप्रतिनिधि हो या फिर उसका चुनाव कराया जाए। इस तरह शीर्ष अदालत ने अफजाल अंसारी की सदस्या को बहाल कर दिया। हालांकि कुछ शर्तें लगाते हुए कहा है कि वह सांसद के तौर पर मतदान नहीं कर सकते। इसके अलावा सैलरी और भत्ते भी नहीं उठा सकते। संसद की कार्यवाही का हिस्सा वह जरूर बन सकते हैं।
सदस्यता बहाली के साथ ही अफजाल अंसारी के लिए 2024 के आम चुनाव लड़ने का रास्ता भी साफ हो गया है। अफजाल अंसारी गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं और गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के भाई हैं। गाजीपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने अफजाल अंसारी को 29 अप्रैल को गैंगस्टर ऐक्ट केस में दोषी ठहराया था। अदालत ने अफजाल अंसारी को 4 साल और उसके भाई गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। भाजपा के विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में दोनों के खिलाफ यूपी गैंगस्टर्स ऐक्ट के तहत केस हुआ था।