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बीजेपी के विधायकों को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत, देखें वीडियो

jantaserishta.com
6 March 2024 10:10 AM GMT
बीजेपी के विधायकों को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत, देखें वीडियो
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सांकेतिक तस्वीर
स्पीकर ने इन्हें अनिश्चित काल के लिए सस्पेंड कर दिया था।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सात विधायकों को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने सातों विधायकों के निलंबन को रद्द कर दिया है। एलजी के अभिभाषण के दौरान हंगामे की वजह से स्पीकर ने इन्हें अनिश्चित काल के लिए सस्पेंड कर दिया था। आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पांडेय ओर से लाए गए एक प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए यह कार्रवाई की गई थी।
भाजपा के विधायक मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओ.पी शर्मा, अभय वर्मा, अनिल बाजपेयी, जितेंद्र महाजन और विजेंद्र गुप्ता ने अपने निलंबन को अदालत में चुनौती दी थी। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी को छोड़कर भाजपा के अन्य सभी विधायकों को निलंबित कर दिया गया था। विशेषाधिकार समिति के सामने इस मामले की सुनवाई पूरी होने तक विधानसभा से निलंबित किया गया था। कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के बाद 27 फरवरी को आदेश सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा था कि पार्टियों से दो दिनों के भीतर यदि कोई दलील हो तो उसे संक्षेप में लिखित में दाखिल किया जाए।
इससे पहले अदालत ने दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति से उसके (अदालत) समक्ष मामला लंबित होने के मद्देनजर निलंबित विधायकों के खिलाफ अपनी कार्यवाही को रोकने के लिए कहा था। विधायकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता ने दलील दी थी कि विशेषाधिकार समिति के समक्ष कार्यवाही के समापन तक उनका निलंबन लागू नियमों का उल्लंघन है। विधानसभा के अधिकारियों ने अदालत को बताया कि विधायकों का अनिश्चितकालीन निलंबन सदन में असहमति को दबाने की कोशिश में नहीं किया गया और उनके खिलाफ विशेषाधिकार समिति की कार्यवाही बिना किसी देरी के समाप्त की जाएगी।
दिल्ली विधानसभा में बजट सत्र के दौरान 15 फरवरी को जब उपराज्यपाल वीके सक्सेना आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की उपलब्धियों के बारे में बता रहे थे तो उनके अभिभाषण में भाजपा विधायकों ने कई बार खलल डालने की कोशिश की थी । उन्होंने कई मुद्दों पर अरविंद केजरीवाल सरकार पर हमला बोला था। इसके बाद आप विधायक दिलीप पांडे ने भाजपा विधायकों के निलंबन के लिए सदन में एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसे दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने स्वीकार कर मामला विशेषाधिकार समिति को भेज दिया।
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